घर किराए पर देने से पहले हर मकान मालिक के मन में हमेशा यह डर रहता है कि कहीं किराएदार घर पर कब्जा न कर ले। इससे बचने के लिए हर मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट बनवा लेता है। अक्सर लोगों को लगता है कि लीज एग्रीमेंट बनवाने के बाद कोई उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर पाएगा, फिर भी विवाद की संभावना बनी रहती है। लेकिन, हम आपको एक ऐसे दस्तावेज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बनवाने के बाद घर पर आपका मालिकाना हक और भी सुरक्षित हो जाएगा। अगर आप किराएदार द्वारा घर पर कब्जा करने के डर से मुक्त होना चाहते हैं, तो ‘लीज एंड लाइसेंस’ जरूर बनवा लें। क्योंकि यह दस्तावेज मकान मालिक के हितों की रक्षा करता है। इस कानूनी दस्तावेज में ऐसे प्रावधान हैं, जिनकी वजह से किराएदार को चाहकर भी प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का मौका नहीं मिलता।
‘लीज एंड लाइसेंस’ कैसे बनता है
‘लीज एंड लाइसेंस’ बनवाना कोई मुश्किल काम नहीं है। यह पेपर भी रेंट एग्रीमेंट या लीज डीड की तरह आसानी से बन जाता है। प्रॉपर्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा ने इसे बनवाने की पूरी प्रक्रिया बताई। प्रदीप मिश्रा ने बताया कि लीड और लाइसेंस भी रेंट एग्रीमेंट की तरह ही होते हैं, बस इनमें कुछ प्रावधान बदल जाते हैं। रेंट एग्रीमेंट ज्यादातर रिहायशी प्रॉपर्टी के लिए बनता है और इसकी अवधि 11 महीने ही होती है। जबकि लीज एग्रीमेंट 12 महीने से ज्यादा के लिए भी बनवाया जा सकता है।
कब्जे को लेकर लिखी जाती है ये खास बात
खास बात ये है कि इस पेपर का इस्तेमाल रिहायशी और कमर्शियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी में होता है। लीज और लाइसेंस की अवधि 10 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। आप इस दस्तावेज को नोटरी के जरिए सिर्फ स्टांप पेपर पर तैयार करवा सकते हैं। लेकिन, अगर आप 10 या 12 साल से ज्यादा का लीज एग्रीमेंट करवाना चाहते हैं तो उसे भी कोर्ट में रजिस्टर करवाना होगा।
चाहे आप लीज एग्रीमेंट हो या लीज और लाइसेंस, ये दोनों ही दस्तावेज पूरी तरह से मकान मालिक के हितों की रक्षा के लिए हैं। क्योंकि इसमें साफ लिखा होता है कि किसी खास प्रॉपर्टी को किसी खास व्यक्ति को इतने साल या दिनों की अवधि के लिए लीज पर दिया जा रहा है और किराएदार किसी भी परिस्थिति में प्रॉपर्टी पर किसी तरह का अधिकार नहीं मांगेगा।