सहरसा, 18 अक्टूबर (हि.स.)।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में गुरुवार की रात मनोहर उच्च विद्यालय के प्रांगण में शरद पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया गया। मुख्य शिक्षक श्रवण कुमार के संचालन में मुख्य अतिथि के रूप में नगर संचालक इंजीनियर रामेश्वर ठाकुर एवं प्रांत सेवा प्रमुख राजाराम के द्वारा बौद्धिक दिया गया।
उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में अमृत की वर्षा होती है। जो चांद की व्याप्त किरण से हमें प्राप्त होता है। इसलिए संघ के द्वारा मनाए जाने वाले 6 प्रमुख उत्सव में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आनंद का उत्सव है। साथ ही साथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जयंती भी मनाया जाता है। संघ के द्वारा सामाजिक समरसता के लिए जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं उन्हें अमृत दिलाना संघ का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज अनेक विभेदकारी शक्तियां समाज को बांटने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के द्वारा पांच स्वयंसेवकों के साथ नागपुर में शुरुआत की गई। विगत 100 वर्षों में संघ साधना के बाद हिंदू समाज को संगठित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील है। इसमें बहुत हद तक कामयाबी भी हासिल हुई है। जिसके कारण आज संपूर्ण समाज संगठित रूप में परलक्षित हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा समाज में फैले हुए कुरीति को समाप्त करवाया वही आदिवासी क्षेत्रों में संघ ने सेवा प्रकल्प के माध्यम से धर्मान्तरण को रोका।
उन्होंने कहा कि संघ की शाखा से निकले स्वयंसेवक ही आज देश को नई दिशा दे रहे हैं। जिसके कारण अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति तथा एकात्मक मानववाद के सिद्धांत पर चलकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को हक एवं अधिकार दिलाया जा रहा है। समाज विकास के सभी क्षेत्रों में संघ के स्वयसेवक अग्रगण्य भूमिका निभा रहे हैं। मौके पर सामूहिक गीत एकल गीत सुभाषित अमृत वचन तथा प्रार्थना के पश्चात खीर रुपी अमृत का वितरण किया गया।