हर क्षेत्र में समर्पित सर्वगुण संपन्न कंप्यूटर स्टेट अवार्डी शिक्षक संजीव टुली

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कपूरथला: जब पंजाब के स्कूलों में आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर शिक्षा शिक्षक वर्ग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और सरकारी प्रताड़ना का शिकार हो रहा है, तब संजीव कुमार टुली जैसा मेहनती कंप्यूटर शिक्षक अंधेरे में नहीं है शिक्षा का दीप जलाकर रोशनी की उम्मीद कम होने दो। उनका दावा है कि बेशक पहाड़ पर जलाया गया दीपक पूरे पहाड़ को रोशन नहीं कर सकता लेकिन वह दीपक अपना अस्तित्व जरूर बनाए रखता है।

हालाँकि संजीव कुमार टुली की नियुक्ति सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल कलानौर (गुरदासपुर) में कंप्यूटर टीचर के तौर पर हो गई थी, लेकिन कुछ ही समय में उनकी माता तृप्ता टुली और पिता प्रेम नाथ टुली की कड़ी मेहनत, परिश्रम, ईमानदारी और समर्पण के कारण हरमनमौला उभर कर सामने आए। अपनी प्रतिभा के कारण अपने सम्मानित स्टाफ सदस्यों और छात्रों के बीच एक कर्मयोगी के रूप में।

यदि संजीव कुमार टुली कंप्यूटर लैब में होते, तो उन्होंने आधुनिक वैश्विक शिक्षा के विशेषज्ञ के रूप में अपने प्रिय छात्रों के मन में भविष्य के सपने रोपे होते। यदि वे अपने स्टाफ रूम में होते तो वरिष्ठ शिक्षकों से प्रोत्साहन का आशीर्वाद लेकर हमउम्र साथी शिक्षकों के रचनात्मक सहयोग से संस्था के बेहतर भविष्य के लिए बनाई गई योजनाओं को क्रियान्वित करने से नहीं थकते। टुली यदि सुबह-शाम खेल के मैदान में होते तो खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत से अर्जित माथे का पसीना अंगों की गलत रेखाओं को मिटा देने की शिक्षा देकर विद्यार्थियों की खेल प्रतिभा को संभावनाओं से परिपूर्ण बनाना सिखाते।

टुली ने सिद्ध किया है कि जिस मातृभाषा में हम स्वप्न देखते हैं या विचार बनाते हैं, वही मातृभाषा विश्व के प्रत्येक क्षेत्र के विषय को समझने का आधार है। यही कारण है कि टुली ने अपने शिक्षण क्षेत्र को बहुत ही रचनात्मक तरीके से व्यावहारिक अनुसंधान पद्धति के साथ छात्रों को पढ़ाया। भाषा विभाग, पंजाब के सहयोग से उन्होंने पंजाबी मातृभाषा को दुनिया के तेरह देशों में प्रचारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल कलानौर का नाम अमेरिका की नासा के साथ पंजीकृत किया गया है। 150 से अधिक छात्रों की उंगली पकड़कर उन्हें न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से लाखों रुपये की छात्रवृत्ति मिली, बल्कि उन्हें कंप्यूटर विज्ञान और तकनीकी पाठ्यक्रमों में दाखिला दिलाकर उनके सपनों को साकार करने का सम्मान भी हासिल किया। एनईईटी, आईआईटी, जेईई और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए 2000 से अधिक छात्रों का मार्गदर्शन करना। प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और खेल सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अपना घर फूंकने के बाद उन्होंने ऐसा नजारा देखा कि जब खिलाड़ी ब्लॉक, जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर तांबे, रजत और स्वर्ण पदक जीतने के बाद सारा खर्चा उठाते थे। उनके गालों पर सारे खर्च मन की शांति से किए जाते थे और मेहनत भूल जाती थी।

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक संजीव कुमार तुली यह बात गर्व से तब कहते हैं जब कोई बाहरी व्यक्ति या अधिकारी विद्यालय परिसर में पहुंचकर संस्थान के प्राकृतिक वातावरण, इंटरलॉकिंग सड़कें, आंगन, मध्याह्न भोजन की रसोई और डाइनिंग टेबल, विज्ञान, कंप्यूटर, गणित प्रयोगशाला, पुस्तकालय, स्मार्ट को देखता है। कक्षाएं, वाई-फाई और सीसीटीवी कैमरे, पीने के पानी की सुविधा और आधुनिक सुविधाओं वाले शौचालय विस्मयकारी हैं। इस विद्यालय को एक संस्था बनाने में स्थानीय दानदाताओं का बहुमूल्य सहयोग, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया तथा संस्था के भावी प्रमुख, पंचायत, प्रशासन, सामाजिक के अलावा समस्त स्टाफ की अथक मेहनत, रचनात्मक सहयोग, समर्पित भावनाएँ शामिल हैं। दास के माध्यम से कार्यकर्ताओं को क्लबों के अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिले हैं और मिल रहे हैं। उसी वर्ष 2024 में शिक्षक दिवस के अवसर पर पंजाब सरकार ने होशियारपुर में आयोजित एक राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल कलानौर को पुरस्कार देकर मेरी सेवाओं का सम्मान किया। (गुरदासपुर) राज्य पुरस्कार के साथ लासानी सम्मान दिया गया।