गांवों के विकास में अब भाषा नहीं बनेगी बाधा, ई ग्राम स्वराज पोर्टल 22 भाषाओं में उपलब्ध; पंचायती राज मंत्रालय ने उठाया कदम

14 10 2024 6 9414733

नई दिल्ली : लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे निचली या आरंभिक इकाई ग्राम पंचायत है। इन पंचायतों के निवासी हों या जनप्रतिनिधि, उनकी संपर्क भाषा स्थानीय है, लेकिन सरकार से संवाद के लिए ई-स्वराज पोर्टल अब तक अंग्रेजी में ही था। इसे समझते हुए पंचायतीराज मंत्रालय ने भाषा की बाधा को दूर कर दिया है. न केवल यह पोर्टल अब हिंदी और अंग्रेजी समेत 22 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है, बल्कि देश में हिंदी भाषी समुदायों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय की वेबसाइट भी मुख्य रूप से हिंदी में बनाई गई है।

मोदी सरकार पंचायत स्तर तक विकास की गति को तेज करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस दिशा में कई कदम उठाये गये हैं. इस बीच, विभिन्न संवादात्मक कार्यक्रमों में पंचायतीराज मंत्रालय को फीडबैक मिला कि पंचायत विकास और ग्राम पंचायत विकास योजना से संबंधित गतिविधियों को अपलोड करने के लिए बनाया गया ऑनलाइन पोर्टल ई-ग्राम स्वराज अंग्रेजी भाषा में है। चूँकि पंचायत स्तर पर अधिकांश जन प्रतिनिधि अंग्रेजी भाषा नहीं समझते इसलिए वे अधिकारियों या अन्य लोगों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में विकास योजनाओं में ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाने की सरकार की कोशिश एक बड़ी बाधा के रूप में महसूस की जा रही थी. पंचायती राज सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि सरकार देश की भाषाई विशिष्टता के साथ-साथ विकास कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाना चाहती है. सचिव का कहना है कि देश में सबसे महत्वपूर्ण संपर्क भाषा हिंदी है. इसलिए हिंदी में वेबसाइट होने से बड़े वर्ग को पंचायतों से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल सकेगी.

इन भाषाओं में होगा पोर्टल

हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, गुजराती, उड़िया, कन्नड़, मलयालम, बांग्ला, मराठी, असमिया, उर्दू, नेपाली, संस्कृत, बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, कश्मीरी, कोंकणी और संथाली।