सड़कों के निर्माण के टेंडर में लूट, राज्य सरकार को हो रहा वित्तीय नुकसान: चंद्र प्रकाश

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रांची, 09 अक्टूबर( हि.स.)। गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड राज्य के पथ निर्माण विभाग में आमंत्रित और आवंटित निविदाओं में बरती जा अनियमितताओं की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। चौधरी ने इस कार्य में संलिप्त संवेदक एवं पदाधिकारियों के आय से अधिक धनोपार्जन की भी जांच कराने की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाई जा सके।

सांसद ने इस को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक, मुख्य सचिव, मंत्रिमंडल निगरानी एवं समन्वय विभाग के सचिव और संबंधित विभाग के सचिव को भी बुधवार को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि आमंत्रित एवं आवंटित निविदाओं में बरती जा रही अनियमिता से सरकार को वित्तीय क्षति हो रही है। विभाग के संबंधित पदाधिकारियों द्वारा की निविदाओं बीओक्यूं राशि से ज्यादा राशि पर कुछ विशेष प्रतिभागी निवेदाकारों को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा कार्यों का आवंटन किया जा रहा है। मुझे यह भी सूचना प्राप्त हो रही है कि जिन निविदाकारों के पक्ष में निविदा कार्यों का आवंटन किया गया है या किया जा रहा है उनमें से अधिकतर निविदाकार की न्यूनतम निविदा राशि उस निविदा कार्य के बीओ क्यू राशि से अधिक है।

उन्होंने पत्र में उल्लेखित किया है की झारखंड राज्य से संबंधित बहुत सारे प्रतिभागी निविदा कार जो पथ निर्माण विभाग अंतर्गत समुचित श्रेणी में निबंध हैं तथा निविदा आमंत्रण एसबीडी द्वारा निर्धारित सभी शर्तों वह अहर्ताओं को पूर्ण करते हैं ने भी बिडिंग प्रक्रिया में पार्टिसिपेट भी किए हैं तथा जिनका न्यूनतम निविदा राशि आमंत्रित निविदा के बीओक्यू राशि से भी कम है, उनके पक्ष में निविदा का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इन निविदाकारों की निविदाओं को जानबूझकर नॉन रिस्पांसिबल घोषित कर एवं बिना उनका पक्ष सुने निरस्त कर दिया जा रहा है तथा जो की नैसर्गिक न्याय के मूल सिद्धांत एवं निविदा के भावनाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विभागीय पदाधिकारी के द्वारा कुछ चुने गए कुछ विशेष निविदाकार जिन्होंने कार्टेल का गठन किया है उन्हें ही कार्य आवंटित किया जा रहा है और इसी दरम्यान बाकी प्रतिभागी निविदा कारों के निविदा को आकारण नॉन रिस्पांसिबल घोषित किया जा रहा है। योग्य एवं स्थानीय निविदा कारों को निविदा से अकारण नॉन रिस्पांसिबल कर निविदा प्रतिभागिता से हटाया जा रहा है तथा विशेष निविदा कारों को ही निविदा में टेक्निकल क्वालिटी टेक्निकल क्वालीफाई किया जा रहा है एवं उन्हें अधिक दर पर कार्य आवंटित किया जा रहा है। निविदा का मूल भावना ज्यादा से ज्यादा कॉम्पिटेटिव आकृष्ट करना है लेकिन मूल भावना से भटक कर सरकार के द्वारा कुछ गिने चुने निविदाकार को बीओक्यू से अधिक मूल्य पर कार्य आवंटित किया जा रहा है।

झारखंड सरकार के ई- टेंडर पोर्टल पर उपलब्ध सूचना के आधार पर एक तालिका संलग्न की जा रही है, जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट होगा कि सरकार के द्वारा निविदा कारों को टेक्निकल डिसक्वालीफाई कर सिर्फ दो-तीन निविदा कारों के फाइनेंशियल पार्ट को खोला जा रहा है। यह विशेष रूप से चयनित निविदाकार होते हैं तथा इन्हें अधिक मूल्य पर कार्य आवंटित की जा रही है, जिससे सरकार को आर्थिक स्थिति हो रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय पदाधिकारी द्वारा इस तरह की कार्य प्रणाली किसी भी तरह से अपेक्षित नहीं है तथा उनके कृत्य से सरकार को वित्तीय क्षति का सामना करना पड़ रहा है, जो एक गंभीर जनहित का विषय है। इस वित्तीय क्षति से जनता के काफी विकास का काम किया जा सकता है।