राजमार्गों के किनारे बनाए जाएंगे रेस्तरां, चार्जिंग स्टेशन और शौचालय; नितिन गडकरी ने हमसफर नीति लॉन्च की

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाईवे नेटवर्क के आसपास स्वच्छ शौचालय, व्हीलचेयर, ईवी चार्जिंग स्टेशन, पेट्रोल पंप, रेस्तरां और पार्किंग जैसी सुविधाओं की राह आसान करते हुए हमसफर नीति की घोषणा की है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए तो सड़क यात्रा की तस्वीर बदल सकती है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को पॉलिसी लॉन्च करते हुए अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि कई अध्ययनों और शिक्षित लोगों (अधिकारियों और विशेषज्ञों) की चर्चा के बाद आखिरकार यह पॉलिसी चार साल की देरी के बाद लागू की गई है इसका उद्देश्य लोगों को आसान और सुरक्षित यात्रा का एहसास कराना है. हमसफ़र नीति में राजमार्ग नेटवर्क पर हर 40-60 किमी पर स्थापित की जाने वाली साइड सुविधाएं भी शामिल हैं। ऐसी एक हजार अतिरिक्त सुविधाएँ निर्धारित हैं। इनके अलावा इस नेटवर्क के आसपास मौजूदा ढाबों, रेस्तरां, पेट्रोल पंप आदि को भी नई नीति के दायरे में लाया गया है। यह जानकारी हाईवे ट्रैवल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। इनकी रेटिंग भी निजी एजेंसियों से कराई जाएगी, ताकि लोगों को इनमें मिलने वाली सुविधाओं के स्तर की जानकारी हो सके। नई नीति इन सेवाओं को प्रदान करने वाले केंद्रों को राजमार्गों पर अपने साइनबोर्ड लगाने की भी अनुमति देगी। इस मौके पर गडकरी ने माना कि उच्च स्तरीय सड़क सेवा के लिए इन सुविधाओं को विकसित करना हमारा कर्तव्य है लेकिन सरकार इसे पूरा करने में विफल रही है. इस नीति की शुरुआत के साथ ही उन्होंने मौजूदा पेट्रोल पंपों को चेतावनी भी दी कि वे अपने शौचालयों के दरवाजे जनता के लिए खोल दें अन्यथा उन्हें मिली एनओसी रद्द कर दी जाएगी. नई नीति में शिशु देखभाल कक्ष भी शामिल हैं, जिसका उल्लेख गडकरी ने महिलाओं को होने वाले नुकसान के संदर्भ में विशेष रूप से किया है।

नई नीति लोगों को सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करेगी और उद्यमियों को भी मजबूत करेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। गडकरी ने उम्मीद जताई कि हमसफर ब्रांड सुरक्षित और आसान यात्रा का पर्याय बन जाएगा। इस नीति का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के किनारे सुविधाओं का मानक बुनियादी ढांचा प्रदान करना है, यानी बेहतर भोजन बिंदु या शौचालय न केवल बड़े शहरों के बाहरी इलाकों में बल्कि कस्बों और गांवों के आसपास राजमार्ग खंडों पर भी होंगे।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने नई नीति में इन सेवाओं की निगरानी की भी व्यवस्था की है. गडकरी ने एनएचएआई जैसी एजेंसियों से इस पर लगातार ध्यान देने को कहा है. सेवा प्रदाताओं को अपने प्रवेश-निकास स्थान, सर्विस लेन पर साइनेज उपलब्ध कराना होगा। उनका लाइसेंस हर दो साल में नवीनीकृत किया जाएगा। यदि दस किलोमीटर के दायरे में कई आवेदन प्राप्त होते हैं, तो केवल एक ही लाइसेंस दिया जाएगा। नियमित तीन प्लस रेटिंग पर सेवा प्रदाताओं को कर छूट भी दी जाएगी।

नई नीति में चार तरह की सेवाएं

1. खाने के स्थान (रेस्तरां, फूड कोर्ट, ढाबे)

2. खाने-पीने के स्थान और ईंधन स्टेशन

3. केवल ईंधन स्टेशन (शौचालय, शिशु देखभाल कक्ष सहित)

4. ट्रॉमा सेंटर (शौचालय, शिशु देखभाल कक्ष के साथ)