30 की उम्र में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल, देखें ये 5 लक्षण, समझ जाएं धमनियों में जमा हो रहा है फैट

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कोलेस्ट्रॉल शरीर की कोशिकाओं में मौजूद एक प्रकार की चिपचिपी वसा होती है, जो उनकी रक्षा करती है। यह भोजन को पचाने के लिए हार्मोन, विटामिन डी और पित्त का उत्पादन करने में भी मदद करता है। सीधे शब्दों में कहें तो कोलेस्ट्रॉल अपने आप में बुरा नहीं है। यह वास्तव में आपके अस्तित्व के लिए आवश्यक है। लेकिन शरीर में इसकी मात्रा बढ़ना हानिकारक होता है, जो गलत खान-पान के कारण होता है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल (हाइपरलिपिडेमिया) या असामान्य लिपिड अनुपात (डिस्लिपिडेमिया) वाले लोगों में कोरोनरी धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तो बढ़ती उम्र के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ती है, लेकिन आज कम उम्र के लोगों को भी यह समस्या हो रही है।

30 की उम्र में कितना कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए?

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, 20 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम/डीएल तक होना चाहिए। इनमें ट्राइग्लिसराइड्स 150 से नीचे, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 100 से नीचे, और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल महिलाओं में 40 और पुरुषों में 50 से नीचे शामिल हैं। 

कैसे पता करें कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है?

लगातार थकान,
आंखों पर पीली चर्बी जमा होना,
हाथ-पैर सुन्न होना,
सीने में दर्द,
मतली।

कोलेस्ट्रॉल के लिए कौन सा परीक्षण किया जाता है?

कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल नामक रक्त परीक्षण किया जाता है। अगर आपकी उम्र 20-44 साल है तो यह टेस्ट हर 5 साल में और अधिक उम्र वाले व्यक्ति को यह टेस्ट हर 1-2 साल में कराना चाहिए। 

यदि कोलेस्ट्रॉल लंबे समय तक बढ़ा रहे तो क्या होगा?

उच्च कोलेस्ट्रॉल दिल का दौरा, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, मोटापा, कॉर्नियल आर्क्स जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए लक्षण दिखते ही कदम उठाना जरूरी है.