अग्निवीर और किसानों की नाराजगी के बावजूद बीजेपी की प्रचंड जीत, ये रणनीति काम कर गई

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हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा विधानसभा के नतीजे चौंकाने वाले तो दूर, हैरान करने वाले भी नहीं हैं. बीजेपी की राजनीति और रणनीति को गौर से देखें तो हरियाणा का नतीजा भी वैसा ही है. दरअसल, हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों, जवानों और पहलवानों का मुद्दा खूब उठाया. खासकर किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी पर काफी आक्रामक रही और यहां तक ​​कह दिया कि अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी तो अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए दिल्ली जाने के लिए हरियाणा की सीमाएं खोल दी जाएंगी. यह रणनीति खासतौर पर जाट समुदाय को बीजेपी से बाहर करने के लिए बनाई गई थी.

एक तरफ देखा जा रहा है कि हरियाणा के किसान बीजेपी से नाराज हैं, इसलिए इस बार किसान बीजेपी को सबक सिखाएंगे. लेकिन अब जिस तरह से नतीजे आए हैं, उसे देखकर मुझे नहीं लगता कि किसान नाराज थे.

क्या सचमुच किसान परेशान थे?

हरियाणा चुनाव में दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा ‘जवान’ था, इस मुद्दे को कांग्रेस ने सीधे अग्निवीर से जोड़ा, क्योंकि सेना के लगभग 10 प्रतिशत सैनिक हरियाणा से हैं। जबकि हरियाणा की आबादी करीब 3 करोड़ है. इतना ही नहीं, किसानों और जवानों का मुद्दा हरियाणा के हर घर से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ‘अग्निवीर योजना’ को सैनिकों के साथ सबसे बड़ा धोखा बताया. हालांकि, लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने यही मुद्दा देश भर में चलाया था. हरियाणा में बीजेपी-कांग्रेस ने 5-5 लोकसभा सीटें जीतीं.

इस प्रकार, जवानों और किसानों का मुद्दा सबसे अधिक हरियाणा में था। किसानों का मुद्दा पंजाब में भी है. लेकिन बीजेपी वहां रेस में नहीं है. फिर अगर हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनती है तो इससे साबित होता है कि जवानों और किसानों को लेकर जो नाराजगी की बात कही जा रही थी वो गलत थी. 

अग्निवीर योजना की स्वीकार्यता बढ़ी

दरअसल, हरियाणा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है, पिछले कुछ दिनों में बीजेपी ने किसान सम्मान निधि की राशि 6 ​​रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने का ऐलान किया है. इसके अलावा फायर फाइटर मुद्दे पर बीजेपी ने हरियाणा में हर फायर फाइटर को स्थाई रोजगार देने का वादा किया. इससे लोगों के बीच यह संदेश गया कि अगर हमें पक्की नौकरियां मिल रही हैं तो बीजेपी से नाराज होने की क्या बात है.

ऐसे में कहा जा सकता है कि अग्निवीर और किसानों के मुद्दे पर बीजेपी को जनता का समर्थन मिला है और अब बीजेपी इसे देश के दूसरे राज्यों में भी निवेश कर रही है. इसके साथ ही अग्निवीर योजना की स्वीकार्यता भी बढ़ी है और जिन मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं उन पर भी विचार करना होगा.