Salary Update: वेतनभोगी कर्मचारियों को राहत! हाईकोर्ट के आदेश पर 18 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन की गाइडलाइन जारी

Employees Salary Hike.jpg

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वनकर्मियों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने वन विभाग की ओर से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन मामले में कमेटी गठित करने की जानकारी न देने पर प्रमुख सचिव वन से तीन सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि क्यों न सात दिसंबर 2023 के आदेश का पालन न करने के दोषी अफसरों के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने वन विभाग गोरखपुर में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी विजय कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव को सुनकर दिया है।

अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार जानबूझकर आदेश का पालन नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं, जिनकी अवहेलना की जा रही है। कोर्ट ने 7 दिसंबर 2023 के आदेश में राज्य सरकार को वन विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर 30 दिन के भीतर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी नीति तैयार करने का निर्देश दिया था।

सरकार की ओर से कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि सरकार नीति तैयार कर लेगी और हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा गया। प्रभागीय वनाधिकारी गोरखपुर विकास यादव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि विभिन्न विभागों में 10 से 20 वर्ष या उससे अधिक समय से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नीति तैयार करने में समय लगेगा। तब तक के लिए 24 सितंबर को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिसके तहत नौ नवंबर 2023 को पिछले दस वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को 18000 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश जारी कर दिया गया है। बताया कि ऐसे कुल 3209 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। निर्देश दिया गया कि सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए। किसी के साथ भेदभाव न हो।

कोर्ट ने कहा कि दस साल से कम समय से काम कर रहे कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं बताया गया, जबकि कोर्ट ने कमेटी गठित कर एक महीने में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद तीन सप्ताह का समय लिया गया लेकिन कमेटी गठन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। सात दिसंबर 2023 के आदेश का पालन नहीं किया गया। इस पर प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया है।