आचार्य चाणक्य, जिन्हें भारतीय इतिहास में सबसे महान रणनीतिकारों और शिक्षकों में से एक माना जाता है, ने अपने नीति शास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने इंसान के आचरण और व्यवहार को लेकर खास सलाह दी है कि किन लोगों से दूर रहना चाहिए और किन्हें अपने घर से दूर रखना चाहिए, ताकि परिवार पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
अज्ञानियों को घर में न बुलाएं
चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोग जो वेदों और शास्त्रों का ज्ञान नहीं रखते या जीवन के मूल्यों को नहीं समझते, उन्हें अपने घर पर बुलाना हानिकारक हो सकता है। ऐसे लोग अपनी अज्ञानता के कारण आपके परिवार पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं। उनका संग आपको विपरीत मार्ग पर ले जा सकता है, इसलिए उनसे दूरी बनाए रखना ही बुद्धिमानी है।
क्रूर स्वभाव वाले लोग
जो लोग जानबूझकर दूसरों को दुख पहुँचाते हैं या उनका शोषण करते हैं, वे भी आपके घर में जगह पाने योग्य नहीं होते। चाणक्य का कहना है कि ऐसे लोग अपने क्रूर स्वभाव और पछतावे की कमी के कारण आपके परिवार के लिए नकारात्मकता का स्रोत बन सकते हैं। ऐसे लोगों से जितनी जल्दी दूरी बनाई जाए, उतना बेहतर है।
स्वार्थी और मौकापरस्त लोग
चाणक्य नीति यह भी बताती है कि वे लोग जो केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए दोस्ती या रिश्ते निभाते हैं, उन्हें अपने घर में स्थान न दें। ऐसे लोग न तो सच्चे मित्र होते हैं और न ही विश्वसनीय सहयोगी। उनका मकसद केवल अपने फायदे तक सीमित होता है, और उनकी संगति आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है।
गलत रास्ते पर चलने वाले लोग
जो लोग गलत कामों में संलिप्त रहते हैं या अनुचित रास्तों को अपनाते हैं, उनसे भी दूरी बनाना आवश्यक है। उनके साथ रहकर आपके अपने विचार भी विकृत हो सकते हैं और उनका प्रभाव आपके जीवन पर भी पड़ेगा। चाणक्य के अनुसार, ऐसी संगति से जीवन में अनावश्यक परेशानियाँ आ सकती हैं।
दिखावेबाज और नकारात्मक सोच वाले लोग
आचार्य चाणक्य ने उन लोगों से भी सावधान रहने की सलाह दी है जो ऊपर से मीठी बातें करते हैं, लेकिन उनके दिल में कपट छिपा होता है। ऐसे लोग आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, जिनकी सोच नकारात्मक होती है, उनसे भी दूरी बनाए रखना ही बेहतर है, क्योंकि उनकी नकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन में निराशा और असफलता ला सकती है।