कैंसर: इन 5 खाद्य पदार्थों को ज्यादा देर तक पकाना मौत को दावत देने जैसा

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कैंसर के कई प्रकार होते हैं और इसके कारण  भी। हालांकि, सभी जोखिम कारकों के बारे में बताना और उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल है। एक अध्ययन के अनुसार, तेजी से फैल रहे कैंसर के 80-90 प्रतिशत मामले गलत आदतों और बाहरी कारणों से होते हैं। इसमें खराब जीवनशैली की आदतें भी शामिल हैं, जिनमें सुधार करके कैंसर के खतरे को आसानी से कम किया जा सकता है। 

ज़्यादातर लोगों को नहीं पता लेकिन खान-पान का संबंध कई तरह के कैंसर के खतरे से है। जहां खान-पान की मदद से कैंसर ट्यूमर को बढ़ने से रोका जा सकता है, वहीं कई ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं जो इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। यहां हम आपको ऐसे 5 खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पकाते समय बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत है, नहीं तो शरीर में कैंसर फैल सकता है।

मांस

2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़्यादा पका हुआ मांस खाने से कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है। तेज़ आंच पर मांस पकाने से कार्सिनोजेनिक PAHs और हेट्रोसाइक्लिक एमाइन (HCA) बनते हैं। ये पदार्थ कोशिकाओं के DNA को बदल सकते हैं और कैंसरकारी ट्यूमर पैदा कर सकते हैं।

आलू

आलू को अगर आप बहुत देर तक पकाते हैं तो इससे कैंसर हो सकता है। दरअसल, आलू को बहुत ज़्यादा तलने या भूनने से उसमें एक्रिलामाइड रसायन निकलता है, जो कैंसरकारी होता है। इसलिए आलू को तलने की बजाय मध्यम आंच पर उबालकर पकाना बेहतर है।

पत्तेदार सब्जियाँ

पालक और मेथी जैसी पत्तेदार सब्ज़ियों में आयरन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं, लेकिन जब इन्हें ज़्यादा पकाया जाता है और कुछ रासायनिक परिवर्तन होते हैं, तो इनका पोषण मूल्य कम हो जाता है। लंबे समय तक पकाने पर इनमें मौजूद नाइट्रेट नाइट्राइट में बदल सकते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।

अनाज

चावल और दूसरे अनाज को ज़्यादा पकाने से एक्रिलामाइड बनता है, जो कैंसर के खतरे से जुड़ा है। ऐसे में चावल को सही मात्रा में पानी में उबालना और पकाने के समय का ध्यान रखना ज़रूरी है।

शहद

शहद को उच्च तापमान पर गर्म करने से यह हाइड्रोक्सीमेथिलफुरफुरल (HMF) में बदल सकता है। HMF कार्सिनोजेनिक है, जो शरीर में जानलेवा गांठें बना सकता है। इसलिए शहद का इस्तेमाल हमेशा कम तापमान पर करें, जैसे कि चाय में डालने से पहले इसे गर्म न करें।