मीठी नीम की पत्तियों का उपयोग अक्सर दक्षिण भारतीय खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। अब लोग इसका इस्तेमाल हर चीज में कर रहे हैं. लेकिन इसकी गुणवत्ता स्वाद तक ही सीमित नहीं है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानें कि कैसे करी पत्ता आपके मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
मीठे नीम की पत्तियां मधुमेह के लिए कैसे फायदेमंद हैं?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, मीठी नीम की पत्ती के अर्क में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। करी पत्ता शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को सक्रिय करता है और इसलिए इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। मीठी नीम की पत्तियों में उच्च फाइबर सामग्री कार्बोहाइड्रेट के ग्लूकोज में टूटने को धीमा कर देती है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
द फार्मा जनरल में छपी एक खबर के मुताबिक, एक स्टडी की गई जिसमें 70 डायबिटीज के मरीजों को शामिल किया गया. आधे लोगों को 30 दिनों तक रोजाना मीठी नीम की पत्ती का पाउडर दिया गया। 30 दिनों के बाद देखा गया कि जिन लोगों ने मीठी नीम की पत्तियां खाईं, उनके ब्लड शुगर में कमी आई। इस अध्ययन से पता चलता है कि मीठी नीम की पत्तियों का सेवन मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा को कम कर सकता है।
करी पत्ते एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को बेअसर करते हैं, कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। उचित वजन मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मीठी नीम की पत्तियों का सेवन कैसे करें
- सुबह खाली पेट 5 से 6 करी पत्ते चबाना फायदेमंद हो सकता है.
- आप मीठी नीम की पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते हैं।
- इसके पाउडर को सूप या सलाद में मिलाया जा सकता है.