एक्साइज पॉलिसी: आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपनी नई शराब नीति की अधिसूचना जारी कर दी है. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने राज्य में शराब की कीमत 99 रुपये तय की है. राज्य सरकार का दावा है कि इसकी मदद से न सिर्फ अवैध शराब पर लगाम लगेगी, बल्कि स्थानीय कंपनियों को सस्ती ब्रांडेड शराब बनाने का मौका भी मिलेगा. सरकार को उम्मीद है कि नई आबकारी नीति से राज्य को करीब 5500 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकेगा. यह नीति 12 अक्टूबर से प्रभावी होगी. इसके अलावा राज्य में 3,736 शराब की दुकानें भी खोली जाएंगी.
राज्य सरकार ने आबकारी नीति अधिसूचना जारी करते हुए दावा किया कि इसे हरियाणा जैसे राज्यों से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया है. अब राज्य में शराब की दुकानों का निजीकरण कर दिया गया है. अब राज्य में ब्रांडेड शराब 99 रुपये या इससे सस्ती मिलेगी। पिछले 5 सालों से राज्य में शराब की बिक्री कम हो रही है. अब सरकार को उम्मीद है कि इसमें बढ़ोतरी होगी और राज्य देश के टॉप 3 बाजारों में शामिल हो जाएगा. नई आबकारी नीति फिलहाल दो साल के लिए लागू की गई है। इससे कंपनियों में स्थिरता आएगी और रिटेलर्स भी बड़ी संख्या में इससे जुड़ सकेंगे।
आंध्र प्रदेश में पिछले 5 सालों में शराब की कीमत लगातार बढ़ी है, जिससे बिक्री में कमी आई है. देश में बीयर उद्योग चलाने वाली संस्था के मुताबिक अब राज्य में निवेश भी बढ़ सकता है. हर ब्रूअरी पर करीब 300 से 500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. नई नीति से अधिक से अधिक कंपनियां प्रदेश में आना चाहेंगी। आबकारी नीति के मुताबिक लाइसेंस ऑनलाइन लॉटरी के जरिए दिया जाएगा. राज्य में चार तरह के लाइसेंस मिलेंगे, जिनकी फीस 50 लाख रुपये से लेकर 85 लाख रुपये तक होगी. दुकान मालिकों को बिक्री पर 20 प्रतिशत मुनाफा दिया जाएगा। इसके अलावा 1 करोड़ रुपये में 12 प्रीमियम दुकानों का लाइसेंस 5 साल के लिए लिया जा सकता है.