हरिद्वार, 01 अक्टूबर (हि.स.)। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में मंगलवार को नए आपराधिक कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम विषय पर संगोष्ठी तथा जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार तथा कॉलेज की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की ओर से किया गया।
कार्यक्रम में सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार के नोट स्पीकर संजय चौहान, प्रीतम सिंह तथा संजय गौड़ ने नए आपराधिक कानूनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। संजय चौहान ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मॉब लिंचिंग, चेन स्नेचिंग, वित्तीय जालसाजी, ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े धोखाधड़ी के कई ऐसे कृत्यों को भी अपराधों की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जिन पर नियंत्रण पाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में महिलाओं तथा बच्चों पर हो रहे अपराधों को नियंत्रण करने के लिए कठोर नियम बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज सीसीटीवी अपराधों को नियंत्रित करने में तीसरी आंख के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र से आए प्रीतम सिंह ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस ने ई-एफआईआर के लिए ऐप भी बनाया है। उन्होंने कहा कि पहली बार अपराध करने वाले अपराधियों को सुधारने के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया हैं। सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार के संजय गौड़ ने विद्यार्थियों तथा अन्य प्रतिभागियों के भारतीय न्याय संहिता से संबंधित प्रश्नों का निवारण किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील बत्रा ने कहा कि आज की भारतीय न्याय व्यवस्था, दंड में नहीं न्याय में विश्वास रखती है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में नए आपराधिक कानूनों का समावेश एक सुरक्षित तथा न्याय संकल्पित राष्ट्र का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने किया।