IND vs AUS Test: बिहार के लाल ने मचाई सनसनी…13 साल की उम्र में सबसे तेज शतक लगाकर बनाया अनोखा रिकॉर्ड

Image (60)

IND vs AUS Test:  भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-0 से जीतकर अपनी रिकॉर्ड जीत का सिलसिला जारी रखा. हालांकि, इस मैच के साथ-साथ भारत की अंडर 19 टीम भी ऑस्ट्रेलिया से मजबूती से मुकाबला कर रही है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीमों के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच में 13 साल के बल्लेबाज ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा है. दोनों टीमों के बीच अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज मैच 30 सितंबर से शुरू हो चुका है.

वैभव का शानदार रिकॉर्ड:

इस मैच में बिहार के लाल ने महज 58 गेंदों में शतक जड़कर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. वैभव अब सबसे तेज शतक लगाने के मामले में इंग्लैंड के बल्लेबाज मोईन अली के बाद दूसरे स्थान पर हैं। मोईन ने 2005 में अंडर-19 में 56 गेंदों में शतक बनाया था। भारतीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने अंडर-19 टेस्ट में एक पारी के दौरान महज 62 गेंदों में 14 चौकों और चार छक्कों की मदद से 104 रन बनाए. इसके साथ ही वैभव ने किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज शतक लगाने का नया रिकॉर्ड बनाया।

इस टेस्ट मैच की बात करें तो भारत ने शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 293 रनों के स्कोर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. शानदार शुरुआत के बाद मध्य और निचले क्रम के खराब प्रदर्शन के कारण भारत 296 रन पर आउट हो गया। दूसरे दिन के तीसरे सत्र में खबर लिखे जाने तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 15 ओवर में 1 विकेट पर 67 रन है।

रणजी में भी डेब्यू:

वैभव वही बल्लेबाज हैं जिन्होंने महज 12 साल 284 दिन की उम्र में रणजी ट्रॉफी 2024 में डेब्यू किया था. वह सचिन तेंदुलकर सहित कई खिलाड़ियों के रिकॉर्ड तोड़कर यह खिताब पाने वाले चौथे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।

नौ साल की उम्र में शुरू की क्रिकेट पारी:

वैभव की बैटिंग स्टाइल पृथ्वी शॉ और शिखर धवन से मिलती जुलती है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी पारी में स्क्वायर ड्राइव, डीप मिड-विकेट पुल और कवर ड्राइव जैसे उनके विभिन्न शॉट्स ने कई महान खिलाड़ियों की याद दिला दी। सूर्यवंशी का क्रिकेट सफर नौ साल की उम्र में शुरू हुआ। वैभव को शुरुआती कोचिंग अपने पिता संजीव सूर्यवंशी से मिली। क्रिकेट के प्रति उनके पिता के जुनून और उनके स्वयं के समर्पण ने वैभव को इतनी कम उम्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया और इस तरह की पारी ने वैभव को भारतीय क्रिकेट के लिए एक आशाजनक प्रतिभा बना दिया है।