होम्योपैथी डॉक्टर की चेतावनी- इन 6 तेलों को तुरंत किचन से हटा दें

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होम्योपैथिक डॉक्टर स्मिता भोईर  कहती हैं कि रिफाइंड तेल दिल की सेहत के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। इसे प्राकृतिक तेलों को बहुत ज़्यादा प्रोसेस करके बनाया जाता है। साथ ही इसे गंधहीन और स्वादहीन बनाने के लिए इसमें कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे इसकी शेल्फ लाइफ़ भी बढ़ जाती है। 

रिफाइंड तेल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है ।

विशेषज्ञों के अनुसार, रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान तेल को उच्च तापमान पर पकाया जाता है, जिससे इसके सभी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ने लगती है, इसलिए इसे खाने से खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है। 

इन जानलेवा बीमारियों का भी है खतरा

रिफाइनिंग प्रक्रिया के कारण तेल शरीर के लिए विषाक्त हो जाता है। ऐसे में इसके नियमित सेवन से कैंसर, मधुमेह, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, एथेरोस्क्लेरोसिस, मोटापा, प्रजनन संबंधी समस्याएं और प्रतिरक्षा संबंधी समस्याओं का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

ये हैं वो छह तेल जो शरीर में जहर पैदा करते हैं

चावल की भूसी का तेल

मूंगफली का तेल

सूरजमुखी का तेल

कैनोला का तेल

सोयाबीन तेल

मकई का तेल

यह तेल नियमित उपयोग के लिए एक स्वस्थ विकल्प है

खाना पकाने के तेल के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में कोल्ड प्रेस्ड तेल शामिल हैं – तिल का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल (कच्ची घानी), नारियल का तेल और घी। ये  दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी जाने जाते हैं।