नेपाल में भारी बारिश से 150 की मौत, उत्तर भारत में बाढ़ का खतरा

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नई दिल्ली: नेपाल में तीन दिनों की मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से 150 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए। पुलिस ने रविवार को कहा कि नेपाल के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। उधर, नेपाल में आई बाढ़ का असर खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार पर पड़ा है। इन दोनों राज्यों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है.

नेपाल में शुक्रवार से शुरू हुई बारिश रविवार को भी जारी रही. नेपाल के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ आ गई है. देश के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ से हजारों लोग मुसीबत में फंस गए हैं. नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद होने से हजारों पर्यटक विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. कहा जा रहा है कि काठमांडू में बारिश ने 56 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं, भूस्खलन के कारण 64 लोग लापता हैं और 61 लोग घायल हुए हैं। नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से 322 इमारतें और 16 पुल नष्ट हो गए हैं। बचाव कार्यों में 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जिन्होंने अनुमानित 3,626 लोगों को बचाया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

मकवानपुर में ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केंद्र में भूस्खलन में छह फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई, जबकि बाकी बाढ़ में बह गए।

नेपाल की बागमती नदी में भारी बाढ़ आ गई है और मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार तक बारिश जारी रहने की संभावना है. पूर्वी और मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद काठमांडू की मुख्य नदी बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. काठमांडू ने ऐसी बाढ़ पहले कभी नहीं देखी. आईसीएमओडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव और मानसून के कारण शनिवार को भारी बारिश हुई।

इस बीच उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश से कई राज्यों की हालत खराब हो गई है. नेपाल में बाढ़ के कारण बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण वीरपुर और वाल्मिकीनगर बैराज के गेट खोल दिये गये हैं. ऐसे में 20 जिलों में बाढ़ का खतरा है. बिहार की कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने से 56 साल में सबसे अधिक 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे 13 जिलों में 16.28 लाख से ज्यादा लोग मुसीबत में हैं. इसी तरह वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जहां से बाढ़ का पानी गंडक नदी में आ रहा है.

उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से आ रहे पानी के कारण 11 जिलों में बाढ़ आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को स्थिति की समीक्षा की. योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों में अधिकारियों को राहत कार्य चलाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की कई टीमें प्रभावित जिलों में तैनात की गई हैं.