मुंबई: वियाग्रा लेने से पुरुषों के लिंग में रक्त का प्रवाह अस्थायी रूप से बढ़ जाता है। यही कारण है कि कई पुरुष यौन शक्ति को अस्थायी रूप से सक्रिय करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। यह गोली हल्के नीले रंग और हीरे के आकार की है। इसका ब्रांड नाम सिडनाफिल साइट्रेट है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है? नियमित रूप से वियाग्रा लेने वालों की सेहत पर असर धीरे-धीरे दिखना शुरू हो जाता है।
नियमित वियाग्रा लेने वाले पुरुषों की आंखों की रोशनी पर इसका असर पड़ता है। जिससे उनकी दृष्टि 80 प्रतिशत तक ख़राब हो सकती है।
कनाडा की ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ताजा शोध में यह दावा किया है। शोधकर्ताओं का दावा है कि वियाग्रा, सियालिस, लेविट्रा और स्पैड्रा में इस्तेमाल होने वाली दवाएं आंखों में जलन पैदा कर सकती हैं। जानिए वियाग्रा आंखों की समस्याओं पर कैसे असर करती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि वियाग्रा का इस्तेमाल उत्तेजना पैदा करने के लिए किया जाता है। जब कोई व्यक्ति वियाग्रा लेता है तो रक्त संचार तेजी से बढ़ता है और इसका सीधा असर आंखों पर पड़ता है। इसके प्रभाव से अचानक दृष्टि हानि हो सकती है, वहीं आंखों पर काले धब्बे भी पड़ सकते हैं। इसलिए वियाग्रा के नियमित इस्तेमाल को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने वियाग्रा के खतरों को समझने के लिए चार साल तक करीब 2 लाख लोगों पर अध्ययन किया। शोध से पता चला है कि जो लोग इसका नियमित रूप से उपयोग करते हैं उन्हें ही आंखों की समस्या होने का खतरा कम होता है। इनमें रेटिना से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं।
अध्ययन में शामिल पुरुषों में इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी का जोखिम 102% बढ़ गया था। वहीं, 44 फीसदी पुरुषों में रेटिना में खून का थक्का जमने की समस्या विकसित हुई। इससे उनकी आंखें लाल या धब्बेदार दिखाई देने लगती हैं।
शोधकर्ताओं ने अपने शोध से वियाग्रा का सेवन करने वालों को सावधान किया है। हालांकि, वियाग्रा बनाने वाली कंपनी फाइजर का यह भी कहना है कि इसे लेने वाले 100 में से एक व्यक्ति को जलन, लालिमा, दर्द और लाली की शिकायत होती है।