Wage Hike: सरकार अब 1 अक्टूबर से मजदूरों को हर महीने देगी 26,000 रुपये, ये है कैलकुलेशन

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Wage Hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने देश के मजदूरों को बड़ा तोहफा देते हुए उनकी दिवाली (Diwali 2024) को और भी रोशन कर दिया है. दरअसल, सरकार (Central Government) ने मजदूरों के लिए परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (VDA) में संशोधन किया है और न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 1,035 रुपये प्रतिदिन करने का ऐलान किया है. आइए जानते हैं इस ऐलान के बाद मजदूरों के हाथ में हर महीने कितना पैसा आएगा…

अकुशल श्रमिकों को अब मिलेगी इतनी मजदूरी

गुरुवार को पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए मजदूरों को दी जाने वाली न्यूनतम मजदूरी दरों में जोरदार बढ़ोतरी की है। पीटीआई के मुताबिक, सरकार के इस फैसले की जानकारी साझा करते हुए श्रम मंत्रालय ने बताया कि इस फैसले का मकसद बढ़ती महंगाई के बीच मजदूरों की मदद करना है।

न्यूनतम मजदूरी दरों में नवीनतम संशोधन के बाद, निर्माण, सफाई, माल की लोडिंग-अनलोडिंग जैसे अकुशल श्रमिकों के लिए सेक्टर ए में न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है और इसके अनुसार अब उन्हें हर महीने 20,358 रुपये की कमाई होगी।

इन श्रमिकों को प्रति माह 26000 रुपये से अधिक मिलते हैं

सरकार द्वारा अलग-अलग श्रेणी के श्रमिकों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दरों में किए गए नए बदलावों के बाद अब अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 868 रुपये प्रतिदिन हो गई है और उन्हें हर महीने 22,568 रुपये मिलेंगे। कुशल श्रमिकों, क्लर्कों और निहत्थे चौकीदारों या गार्डों की बात करें तो उनकी न्यूनतम मजदूरी 954 रुपये प्रतिदिन हो गई है।

इसके अनुसार, अब उनका मासिक वेतन 24,804 रुपये प्रति माह होगा। वहीं, उच्च कुशल श्रमिकों को अब हर महीने 26,910 रुपये मिलेंगे, उनका न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 1035 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

बढ़ी हुई दरें कब लागू होंगी?

श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों, खासकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनकी आजीविका में मदद के मद्देनजर इस वीडीए में संशोधन किया है। श्रमिकों के लिए नई दरें अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होंगी और उन्हें अप्रैल 2024 से लाभ दिया जाएगा। यहां आपको बता दें कि यह इस साल का दूसरा संशोधन है, इससे पहले अप्रैल महीने में बदलाव किए गए थे।