पलामू, 25 सितंबर (हि.स.)। जैसे-जैसे झारखंड विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों ने पलामू प्रमंडल को अपनी चुनावी रणभूमि बना लिया है। कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख दलों के नेता इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और चुनाव पूर्व रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। खासतौर से भाजपा और झामुमो के बीच राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
गत 21 सितंबर को पलामू के बंशीधर नगर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूजा-अर्चना के बाद भाजपा की परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ किया। इस यात्रा का उद्देश्य राज्य में सत्ता परिवर्तन और भाजपा को मजबूती देना है। भाजपा इस यात्रा के माध्यम से राज्य की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता के बीच संदेश देने की कोशिश कर रही है।
भाजपा की परिवर्तन यात्रा के जवाब में, झामुमो ने 23 सितंबर को बंशीधरनगर के उसी राधाकृष्ण मंदिर से पूजा-अर्चना करके मइंया सम्मान यात्रा की शुरुआत की। झामुमो की इस यात्रा में तीन प्रमुख महिला नेताओं-कल्पना सोरेन, मंत्री बेबी देवी और कांग्रेस कोटे की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनके साथ ही झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी इस यात्रा में शामिल हुए।
झामुमो का उद्देश्य भाजपा के संदेश का जवाब देना और महिला सशक्तिकरण के जरिए चुनावी मैदान में अपना प्रभुत्व स्थापित करना है। इसी बीच, एनडीए गठबंधन भी पीछे नहीं है। 23 सितंबर को पलामू के लेस्लीगंज में लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्र सरकार के मंत्री चिराग पासवान ने हुंकार भरते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। चिराग ने अपने भाषण में राज्य की वर्तमान सरकार पर जमकर निशाना साधा और एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया।
भाजपा और झामुमो के बीच चुनावी जंग की गर्मी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी सक्रिय हो गया है। राजद का प्रमंडलीय सम्मेलन आगामी 29 सितंबर को प्रस्तावित है, जो इस क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और गर्म करेगा। झारखंड में आमतौर पर ‘एकला चलो’ की नीति अपनाने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष भी चुनाव से पहले योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन में व्यस्त हैं। वे चुनावी माहौल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं।
पलामू प्रमंडल इन दिनों राजनीतिक अखाड़े में तब्दील हो चुका है। एक ओर भाजपा की परिवर्तन यात्रा सत्ता परिवर्तन की हुंकार भर रही है, तो दूसरी ओर झामुमो की मंईयां सम्मान यात्रा महिला सशक्तिकरण और भाजपा के खिलाफ रणनीति के रूप में देखी जा रही है। एनडीए और विपक्षी दलों के नेता भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, जिससे साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पलामू प्रमंडल राजनीतिक संग्राम का प्रमुख केंद्र बनेगा।