पृथ्वी रहस्यों से भरी हुई है। उनमें से एक है जन्म और मृत्यु। वैज्ञानिकों ने जन्म और मृत्यु पर बहुत शोध किया है लेकिन कोई भी रिपोर्ट मनुष्य को संतुष्ट नहीं कर सकी। धरती पर इंसान के जन्म और मृत्यु के रहस्यों को इंसान अभी तक नहीं सुलझा पाया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान रेफ्रिजरेटर के अंदर कितनी देर तक जीवित रह सकता है? आज हम आपको इसके पीछे का विज्ञान बताएंगे।
पृथ्वी पर इंसानों का जीवन और मृत्यु रहस्यों से भरी हुई है क्योंकि कोई भी वैज्ञानिक या शोध इंसानों के जन्म और मृत्यु की व्याख्या नहीं कर सकता है। कभी-कभी कुछ वैज्ञानिक पुनर्जन्म जैसी बातों के पक्ष में नजर आते हैं, लेकिन असल में वे यह नहीं जानते कि किसी व्यक्ति का पुनर्जन्म किस रूप में और कहां होगा। इसीलिए जन्म और मृत्यु को रहस्यों की दुनिया कहा जाता है।
अब सवाल यह है कि कोई व्यक्ति रेफ्रिजरेटर के अंदर कितनी देर तक रह सकता है? विशेषज्ञों के अनुसार इसका उत्तर यह है कि मनुष्य रेफ्रिजरेटर में जीवित नहीं रह पाएगा क्योंकि मनुष्य को जीवन के लिए ऑक्सीजन गैस की आवश्यकता होती है और रेफ्रिजरेटर के अंदर ऑक्सीजन गैस उपलब्ध नहीं होगी इसलिए मनुष्य जल्द ही मर जाएगा। आसान भाषा में कहें तो रेफ्रिजरेटर के अंदर इंसान जीवित नहीं रह सकता।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ जगहों पर मृत शरीर को पुनर्जीवन के लिए फ्रिज में रखा जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत लोग वास्तव में बेहोश हो गए हैं। क्रायोनिक्स तकनीक से मृत लोगों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। ऐसे में मृत शरीर को दोबारा जिंदा करने के लिए उसे ठंडा करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अब तक दुनिया भर में 600 लोगों के शवों को क्रायोनिक्स तकनीक के जरिए संरक्षण के लिए फ्रीज किया जा चुका है। अमेरिका और रूस में 300 से ज्यादा लोगों ने अपने शरीर को फ्रीज कर दिया है.
क्रायोनिक्स तकनीक क्या है?
ऑस्ट्रेलियाई कंपनी साउदर्न क्रायोनिक्स ने कुछ समय पहले दावा किया था कि वह इंसानी शवों को -200 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखेगी। यदि भविष्य में कोई ऐसी तकनीक विकसित हो जाए जो मृतकों को जीवित कर सके, तो इन लाशों को कब्र से निकालकर पुनर्जीवित किया जाएगा।