भुज यात्रा: भुज भारत के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यहां के मंदिर और ऐतिहासिक इमारतें इस शहर की पहचान हैं। ऐतिहासिक कच्छ क्षेत्र का भुज में एक लंबा इतिहास है। शहर का इतिहास रियासतों और साम्राज्यों, जड़ेजा राजपूतों, गुजरात की सल्तनतों और ब्रिटिश शासन तक फैला हुआ है।
भुज को कपड़ा पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। कुल मिलाकर यह शहर अपने आप में खास है और यही वजह है कि पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं। थोड़ा इतिहास में जाएं तो इस शहर का निर्माण वर्ष 1510 में राव हमीरजी ने करवाया था और बाद में 1549 में राव खेंगारजी ने इसे राज्य की राजधानी बनाया था। आइए जानते हैं भुज की कुछ अद्भुत जगहों के बारे में।
भुज हिल हाइकिंग:
भुज हिल ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से भुज में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह आपके लिए जीवन भर का अनुभव होगा। भुजियो हिल पर चढ़ना थोड़ा कठिन है लेकिन यह ट्रैकिंग आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव हो सकती है।
श्री स्वामीनारायण मंदिर
श्री स्वामीनारायण मंदिर का निर्माण वर्ष 1822 में हुआ था। लेकिन 2001 में आए भूकंप के कारण इस मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा था. इस घटना के बाद इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। यह मंदिर पूरी तरह से सफेद रंग का है जो देखने में आकर्षक लगता है।
वंदे मातरम स्मारक
वंदे मातरम स्मारक भुज शहर के पास एक दर्शनीय स्थल है। यह स्मारक लगभग 12 एकड़ में फैला हुआ है। यहां आपको 1857 से 1947 की क्रांति के बीच जो कुछ भी हुआ उसकी यादें मिलेंगी। इसका आकार भारतीय संसद भवन जैसा दिखता है। इसी परिसर के एक पार्क में भारत माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई थी।