अग्रणी राजस्थान के लिए अधिकारियों की जवाबदेही जरूरीः मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

C98c0b20111ed4c52a457ee929d04cdc

जयपुर, 21 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आमजन की सेवा में प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए प्रभावी प्रशासन की आवश्यकता होती है। हम सभी को मिलकर एक सशक्त और अग्रणी राजस्थान की दिशा में आगे बढ़ना है और इसके लिए अधिकारियों का जवाबदेह होना बहुत जरूरी है। कार्यों के प्रति उत्तरदायी होने से हमें प्रेरणा मिलती और हमारे काम की गुणवत्ता में भी सुधार आता है।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के अधिवेशन एवं नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नई कार्यकारिणी इस सेवा को एक नई ऊर्जा और सकारात्मक दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए अपने अनुभवों को साझा करने, नए विचारों का आदान-प्रदान करने एवं नए प्रशासनिक प्रयासों को दिशा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन सरकार और जनता को जोड़ने वाली अहम कड़ी है। लोकसेवकों के साथ जुड़ाव एवं विश्वास होने से आमजन अभाव में उनके पास आते हैं। इसलिए प्रशासनिक कार्यों में कुशलता एवं मानवीय संवेदनाओं के साथ जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। हमारी सरकार में बिना किसी पूर्वाग्रह एवं भेदभाव के अधिकारियों के मूल्यांकन का आधार सिर्फ काम के प्रति समर्पण, जनता के प्रति जवाबदेही एवं ईमानदारी है। ईश्वर ने हमें जनता की सेवा का मौका दिया है इसलिए जनकल्याण के लिए हर परिस्थिति में आगे रहें। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अविवेकपूर्णता के साथ अनावश्यक रूप से बिना संसाधनों के प्रशासनिक इकाइयों की स्थापना के निर्णय लिए।

शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में नीतियों और योजनाओं को लागू करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों में उपखण्ड व अतिरिक्त जिला कलक्टर स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कर पुराने प्रकरणों का निस्तारण करने की दिशा में पहल करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य के विकास के लिए बिजली और पानी मूलभूत आवश्यकता है इसलिए राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल का पहला वर्ष बिजली और पानी के लिए समर्पित किया है। बिजली और पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होंगे तो राज्य में कृषि और उद्योगों का विकास होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। आने वाले समय में राजस्थान बिजली के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बनेगा। साथ ही, पानी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ईआरसीपी, यमुना जल समझौता और देवास परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण समझौतों और निर्णयों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में विकसित राजस्थान भी एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। विकसित राजस्थान से ही विकसित भारत बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मिनरल्स, पर्यटन तथा ऑटो मोबाइल सहित कई क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इन क्षेत्रों में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है। इसी दिशा में 9 से 11 दिसम्बर तक राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले शर्मा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत अधिकारियों को सम्मानित किया।

उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार के लोक कल्याणकारी लक्ष्यों को पूरा करने में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जो जन नेता और जनता के बीच कड़ी का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार सबका साथ, सबका विकास की मूल भावना के साथ कार्मिकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के नव नियुक्त अध्यक्ष महावीर खराड़ी, निवर्तमान अध्यक्ष गौरव बजाड़, नव गठित कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं परिषद् के सदस्यों के रूप में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं पूर्व अधिकारी उपस्थित रहे।