देश-दुनिया में मचे तिरूपति लड्डू विवाद के बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने आंध्र प्रदेश सरकार से कड़ी और निष्पक्ष जांच की मांग की है. बीजेपी नेता शोभा करंदलाज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और एक विशेष टीम का गठन करना चाहिए या पूरे मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यह हिंदू आस्था और विश्वास पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गहन जांच की जरूरत है
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलज ने उन आपूर्तिकर्ताओं की भी गहन जांच की मांग की है जो पिछले चार वर्षों से तिरुपति लड्डू के लिए घी की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि टेंडर किन लोगों को मिलेगा और घी की आपूर्ति कहां से की गयी है. शोभा करंदलाज ने इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश सरकार से पूरी पारदर्शिता की मांग की है और कहा है कि अब कोई गोपनीयता नहीं है, अब पूरी सच्चाई सामने आने का समय है। हिंदू आस्था से जुड़े इस मुद्दे पर बीजेपी नेता की इस मांग से राजनीतिक और धार्मिक तौर पर बहस तेज हो गई है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी चिंता जताई
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तिरूपति मंदिर के लड्डू विवाद पर चिंता जताते हुए कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ”जो लैब रिपोर्ट सामने आई है वह बहुत खतरनाक है. यह करोड़ों लोगों के भरोसे और आस्था का मामला है. चंद्रबाबू नायडू द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए और अगर यह सच साबित हुई तो दोषियों पर कार्रवाई होगी.” सज़ा मिलनी चाहिए. कड़ी सज़ा होनी चाहिए.” कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
उन्होंने इस मामले के खिलाफ अपील भी की और कहा कि राज्य सरकार को इस मामले पर फैसला लेना चाहिए. जोशी ने कहा, “राज्य सरकार सक्षम है, उन्हें तय करना चाहिए कि मामला सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए या विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए।”
ये है पूरा मामला
आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरूपति बालाजी के लड्डू घी में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी को लेकर हंगामा मच गया है। आंध्र प्रदेश सरकार का दावा है कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में मिलावट पाई गई है. यह गड़बड़ी पिछली सरकार के दौरान दिए गए ठेके के कारण हुई। इस बारे में मंदिर समिति तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने कहा कि जिस ब्लैक लिस्टेड सप्लायर के घी में मिलावट की गई है, उसे पिछली जगन मोहन सरकार के दौरान ठेका दिया गया था.
केंद्र सरकार ने इन आरोपों पर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. लेकिन इस खुलासे के बाद देश में रुढ़िवादियों में गुस्सा देखा जा रहा है. भोपाल जैसे कुछ शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक अर्जियां दी जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है. बीजेपी नेता ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. कांग्रेस ने सीएम नायडू से सवाल किया है कि सीएम ने तीन महीने तक स्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया?