सियासी जंग में तिरुपति लड्डू ,पशु चर्बी के दावे को पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन ने किया खारिज

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विजयवाड़ा, 20 सितंबर (हि.स.)। तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वाईसीपी प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में विसा होना एक मिथक है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई ऐसा दुष्ट काम कर सकता है। राजनीति के लिए भगवान तक का उपयोग करने की दुष्ट मानसिकता के लिए चंद्रबाबू की कड़ी आलोचना की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन में शुक्रवार को राजधानी अमरावती में तेदेपल्ली में स्थित उनके कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने पूछा कि क्या एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह झूठ से खेलना धर्म है? तिरुमला तिरुपति बोर्ड की सामग्री प्रक्रिया पर जगन ने बताया कि घी आपूर्ति के लिए हर 6 महीने में एक बार टेंडर बुलाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घी की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए परीक्षण प्रक्रियाओं को किसी ने नहीं बदला। उन्होंने कहा कि तिरुमाला लड्डू उसी तरह तैयार किया जा रहा है, जैसे दशकों से बनता आ रहा है।

उन्होंने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक स्वशासी संस्था और राज्य सरकार कभी हस्तस्केप नहीं किया है। सामग्री खरीदने की प्रक्रिया एक सिस्टम से चल रही है। घी लाने वाले प्रत्येक टैंकर को एनएबीएल प्रमाण पत्र लाना होगा।

जगन ने बताया कि प्रत्येक टैंक के नमूनों का तीन बार परीक्षण किया जाएगा और टीटीडी आपूर्ति की अनुमति तभी देगा जब वे तीन परीक्षण पास कर लेंगे। जगन ने कहा कि चंद्रबाबू उस चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं जो हुआ ही नहीं। 12 जुलाई को सैंपल लिया गया। उन्होंने पूछा- तब मुख्यमंत्री कौन थे। उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू जब मुख्यमंत्री थे तब घी के नमूने लिये गये थे। उन्होंने कहा कि घी के नमूने 17 जुलाई को एनडीडीबी को भेजे गए थे। एनडीडीबी ने 23 जुलाई को रिपोर्ट सौंपी। जगन ने पूछा कि अगर 23 जुलाई को रिपोर्ट दी जाए तो चंद्रबाबू ने अब तक क्या किया है। अगर रिपोर्ट 23 जुलाई को आती है, तो यह विडंबना है कि चंद्रबाबू अब बोल रहे हैं। हमारे शासनकाल में घी की गुणवत्ता को लेकर आपूर्ति की गई सामग्री को 18 बार खारिज किया गया।

उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू ने तिरुमाला की पवित्रता को अपवित्र किया है। राज्य के इतिहास में ऐसे हालात कभी नहीं बने. उन्हें कहा की वाईसीपी के सत्ता में आने के बाद तिरुमाला में प्रयोगशालाओं में सुधार किया गया है। वाईसीपी शासन के दौरान तिरुमाला में कई क्रांतिकारी परिवर्तन लाए गए।

जगन ने कहा कि टीटीडी एक स्वतंत्र संगठन है और सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी, उनके ही शासन काल में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आठ तिरुमला तिरुपति मंदिर स्थापित किए गए। बोर्ड का गठन विशेष लोगों के साथ किया गया जिसमें भाजपा के लोग भी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निविदाओं के मामले में अंतिम निर्णय टीटीडी बोर्ड का ही होता है। यहां के फैसलों में सरकार दखल नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि केवल वे लोग ही बोर्ड में होंगे जो भगवान की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वाईवी सुब्बारेड्डी जैसे व्यक्ति के तत्कालीन टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने 45 बार अयप्पा माला पहनी थी।

जगनमोहन रेड्डी ने आरोप लगाए की वर्तमान मुख्यमंत्री वे केवल द्वेषवश कीचड़ फैलाने के लिए ऐसे काम करते हैं। चंद्रबाबू का ऐसी बातें कहना आंध्र प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।’

जगन ने कहा कि वह लड्डू प्रसाद के आरोपों पर प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखेंगे। वे जांच की मांग करेंगे। वाईएस जगन ने आलोचना की कि चंद्रबाबू अपने 100 दिनों के शासन के दौरान लोगों के सामने दोषी बने रहे और चुनावी वादों के कार्यान्वयन में कोई गति नहीं आई। उन्होंने कहा कि चुनावी गोष्ट पत्र के सुपर सिक्स का क्या हुआय़

उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू का जनता से किया गया चुनावी वादा झूठ का पुलिंदा है। चंद्रबाबू ने 100 दिनों तक धोखे से शासन किया। सुशासन वाले स्टीकर चिपकाने के लिए विज्ञापन दिए जा रहे हैं। जगन ने आरोप लगाए की स्वास्थ्य विभाग में उनके शासन काल में ले लाए सुधार को अनदेखी की गई उन्होंने कहा कि आरोग्य श्री, शुल्क प्रतिपूर्ति, गोरू मुद्दा, अम्मा ओडी का कोई कार्यान्वयन नहीं है… 108 और 104 के कर्मचारियों के लिए कोई वेतन नहीं है।

उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू के शासनकाल में किसान सड़क पर आ गये। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र से कोई निवेश सहायता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि सलाहकार परिषदों को खत्म कर दिया गया है और हर किसी भी क्षेत्र में गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि वाईसीपी शासन के दौरान हर योजना की डोर डिलीवरी पारदर्शी तरीके से की गई।

कहा जा रहा है कि टीडीपी शासनकाल में अब जन्मभूमि योजनाओं के जरिए घरों में योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि चोरी का मुकदमा दर्ज कर उन्हें अवैध मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ ध्यान भटकाने वाली राजनीति हो रही है।

जगन ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। कहा जाता है कि आलोचनाओं के बीच ध्यान भटकाने के लिए मुंबई की एक फिल्म अभिनेत्री को मैदान में लाया गया था। कहा जा रहा है कि चंद्रबाबू की बारिश और बाढ़ की समीक्षा नहीं करने के कारण विजयवाड़ा में 60 लोगों की जान चली गयी।

जगन ने आरोप लगाए कि सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए प्रकाशम बैराज को नावों से नष्ट करने की साजिश का नया कहानी चलन में लाने की कोशिश की गई लेकिन वहां भी विफल हुए। केंद्र सरकार ने बालाजी लड्डू की गुणवत्ता के मुद्दे को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। दिल्ली में एक कार्यक्रम में नड्डा ने कहा, “मैंने उनसे (सीएम चंद्रबाबू) बात की। मैंने उनसे कहा कि उनके पास जो जानकारी है वह मुझे भेजें। केंद्र इस संबंध में राज्य को पूरा सहयोग करेगा। हम भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे। हमने अब तक एक रिपोर्ट मांगी है,”।