क्या इस्तीफे के बाद केजरीवाल इस राज्य में बढ़ा देंगे बीजेपी-कांग्रेस दोनों की चिंता? आम आदमी पार्टी बड़ा खेल सकती

Image (50)

हरियाणा चुनाव 2024: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. चुनावी मौसम के बीच उन्होंने न सिर्फ खुद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से दूर कर लिया है बल्कि एक नए मिशन पर निकल पड़े हैं. यह मिशन हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जिसके लिए वे सक्रिय हो गए हैं. आम आदमी पार्टी हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हरियाणा में बीजेपी-कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल लगातार प्रचार कर रहे हैं. हरियाणा में बीजेपी-कांग्रेस के पास बड़े चेहरे हैं लेकिन आम आदमी पार्टी के पास अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए दिल्ली, पंजाब के मुकाबले हरियाणा में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में हरियाणा में आप के लिए अरविंद केजरीवाल चेहरा हो सकते हैं, जिनके आने से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ सकता है. 

दिल्ली में कथित शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पार्टी की कमान संभाली. उन्होंने हरियाणा में कई चुनावी रैलियां की हैं. उन्होंने केजरीवाल की गारंटी को लोगों तक पहुंचाया. कभी-कभी वह भावुक भी हो जाते थे. सुनीता केजरीवाल की चुनावी रैली में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. उन्होंने चुनावी रैलियों में अपने पति को शेर कहा था. क्योंकि, अरविंद केजरीवाल हरियाणा से आते हैं. ऐसे में उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का लाल तक कह डाला. अरविंद केजरीवाल जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर हैं. फिर हरियाणा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. सुशील गुप्ता ने हाल ही में कहा था कि अरविंद केजरीवाल के जेल से रिहा होने के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है.

केजरीवाल हरियाणा चुनाव में पार्टी की कमान संभालेंगे

हरियाणा चुनाव में पार्टी की कमान अरविंद केजरीवाल संभालेंगे. हालांकि, सवाल ये है कि क्या उनके हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने से पार्टी को फायदा होगा? अरविंद केजरीवाल आम लोगों की पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं। वह अपनी बातों से निचले स्तर पर खड़े व्यक्ति के मन तक आसानी से पहुंच सकते हैं। ये काम उन्होंने दिल्ली और पंजाब में किया है. दिल्ली में 2015 और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई. पंजाब में पार्टी को मजबूत किया. पंजाब में आम आदमी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में है. अब केजरीवाल की नजर हरियाणा पर है. हालाँकि, हरियाणा में AAP का आधार दिल्ली और पंजाब जितना मजबूत नहीं है, लेकिन वे दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, सोनीपत, पानीपत की विधानसभा सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं। 

हरियाणा में आम आदमी पार्टी बड़ा दांव खेल सकती है 

पिछली विधानसभा के मुकाबले यहां आम आदमी पार्टी मजबूत हुई है और समय के साथ यहां पार्टी का विस्तार भी हुआ है. अरविंद केजरीवाल नौ साल से दिल्ली में सरकार चला रहे थे. हालांकि नौ साल की सरकार के दौरान उनका लगातार उपराज्यपाल से टकराव होता रहा है. केजरीवाल इसे हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुद्दा बना सकते हैं और इसके साथ ही केजरीवाल के आने से बीजेपी-कांग्रेस को झटका भी लग सकता है. कारण यह है कि वह हरियाणा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनकर नहीं आ रहे हैं बल्कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर जनता के बीच आ रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल का दांव हरियाणा चुनाव को प्रभावित कर सकता है.