कोलकाता, 12 सितंबर (हि.स.) । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। 72 वर्षीय येचुरी का दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हुआ है। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया। उनके निधन पर देशभर से शोक संदेश आ रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि येचुरी का निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीति में अपूरणीय क्षति है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने लिखा कि माकपा के नेता सीताराम येचुरी जी के निधन की खबर से दुखी हूं। भले ही हमारे राजनीतिक विचारधारा में अक्सर मतभेद रहे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न विपक्षी बैठकों के दौरान उनके साथ बातचीत का सौभाग्य मिला। उनकी सादगी, नीतिगत समझ और संसदीय मामलों पर उनकी गहरी दृष्टि अद्वितीय थी।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर राय ने भी अपने शोक संदेश में कहा कि सीताराम येचुरी के निधन से मैं हैरान हूं। वे एक छात्र नेता से लेकर माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य और महासचिव के पद तक पहुंचे। राज्यसभा में उनके संसदीय योगदान और जनहित में उनके विचार प्रेरणादायक थे।
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में हुआ था। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई के दौरान वामपंथी राजनीति से जुड़े और 1975 में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार भी हुए। 2015 में वे माकपा के महासचिव बने और उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई महत्वपूर्ण आंदोलन किए।