जुलाना का चुनावी दंगल तैयार है. इस बार सबकी नजरें हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से एक सीट ज्यूला पर हैं. दरअसल, इस सीट पर सबकी निगाहें हैं क्योंकि इस बार विनेश फोगाट यहां से चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस ने इस जाट बहुल सीट पर विनेश को मैदान में उतारकर अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है, वहीं अन्य पार्टियां भी अपने हिसाब से समीकरण बिठा रही हैं.
कांग्रेस के जवाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एयर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन योगेश बैरागी को टिकट दिया है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने मौजूदा विधायक अमरजीत ढांडा को टिकट दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस सीट से पूर्व WWE रेसलर कविता दलाल को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. यहां से कौन जीतेगा यह तो नतीजे आने के बाद ही साफ होगा. आइए जानते हैं इस विधानसभा सीट का सियासी समीकरण.
क्या कहती है वोटों की गिनती?
2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जुलाना विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 73 हजार 645 है. इस जाट बहुल सीट पर कुल 81 हजार जाट मतदाता हैं, कांग्रेस ने विनेश के जरिए इन मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है. वहीं, सीट पर हल्के पिछड़े वर्ग के 33608 और अनुसूचित जाति के 29661 मतदाता हैं. पिछड़े समाज से आने वाले कैप्टन योगेश बैरागी को मैदान में उतारकर बीजेपी ने दूसरे सबसे बड़े वोट बैंक पर निशाना साधा है. जेजेपी और आप के उम्मीदवार भी जाट हैं और उनकी नजर भी जाट वोटों पर है.
अब तक किसका रहा दबदबा?
झूला विधानसभा सीट की बात करें तो यह क्षेत्र जींद जिले में आता है। 2019 में इस सीट से जेजेपी के अमरजीत सिंह ढांडा ने जीत हासिल की. इससे पहले 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल के परमिंदर सिंह ने जीत हासिल की थी. इससे पहले 2009 में भी इनेलो उम्मीदवार यहां से जीते थे. कांग्रेस ने आखिरी बार इस सीट पर 2005 में जीत हासिल की थी. फिर साल 2000 और 2005 में कांग्रेस के शेर सिंह यहां से जीते. 2005 के बाद से कांग्रेस यहां नहीं जीत पाई है. ऐसे में पार्टी 15 साल का सूखा खत्म करना चाहती है.
पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टियों की स्थिति
2019 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां जेजेपी सबसे मजबूत थी. जेजेपी प्रत्याशी अमरजीत को 61 हजार 942 वोट मिले, जबकि बीजेपी के परमिंदर सिंह ढुल दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें 37749 वोट मिले. कांग्रेस 12440 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रही. ऐसे में कांग्रेस का वोट शेयर घटकर सिर्फ 9.84 फीसदी रह गया.