कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कमी पर चिंता व्यक्त की. ये दस्तावेज पीएम के लिए अहम माने जा रहे हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को काम पर लौटने को भी कहा. जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक का समय दिया है. साथ ही प्रशासन को हड़ताल पर गए डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का भी आदेश दिया.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई और बंगाल सरकार से पूछा कि जिस पूरी प्रक्रिया के तहत शव पीएम को सौंपा गया, उसके दस्तावेज कहां हैं? सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये दस्तावेज हमारे रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं हैं. वहीं बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें तुरंत दस्तावेज नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके लिए हमें कुछ समय चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने रेप और हत्या के मामले में घटना के 14 घंटे बाद शिकायत दर्ज करने में देरी पर भी चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 17 सितंबर तक पूरी जांच की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया.
बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसमें अस्पताल का काम बंद होने से 23 मरीजों की मौत हो गई है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों से कहा कि अपनी ड्यूटी की कीमत पर आंदोलन नहीं किया जा सकता. साथ ही डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए भी कहा गया. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को आरजी कर अस्पताल में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने का भी आदेश दिया। उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार का गंदा चेहरा बेनकाब हो गया है. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गायब दस्तावेजों को लेकर सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार का गंदा चेहरा बेनकाब हो गया है.