हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि इस खूबसूरत इमारत का नाम पहले ताज महल नहीं था। अगर नहीं तो आइए जानते हैं प्यार की निशानी ताज महल का पुराना नाम और समझते हैं इसके पीछे का इतिहास। ताज महल में मुमताज और शाहजहाँ की कब्रें बनी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि शाहजहाँ को उसकी तीन पत्नियों के साथ यहीं दफनाया गया है। लेकिन उन्होंने मुमताज के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए ताज महल बनवाया। जिस समय बेगम मुमताज को यहां दफनाया गया था, उस समय इसका नाम 'रौजा-ए-मुनवारा' था। जिसे बाद में ताज महल के नाम से जाना गया।