वाह रे सरकार! 15 वर्ष पूर्व खेत में पुल बनने के बाद बने इस अस्पताल से विभाग पूरी तरह अंजान

बिहार सरकारी अस्पताल: बिहार के अररिया जिले में एक खेत में पुल निर्माण की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जहां एक गांव के खेत में पुल तो बना हुआ था, लेकिन पुल पर चढ़ने का रास्ता नहीं पता था. अब मुजफ्फरपुर में करोड़ों रुपये की लागत से एक खेत में बने अस्पताल का मामला सामने आया है. यह सरकारी डिस्पेंसरी जिसका उद्घाटन नहीं हुआ, भूत बंगला बन गयी और जर्जर हालत में है.

जानिए पूरा मामला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले के चांद पुरा गांव में 6 एकड़ जमीन पर बना 30 बिस्तरों वाला सरकारी अस्पताल आधुनिक उपकरणों से लैस था. 2015 से अब तक स्वास्थ्य विभाग ने इसे अपने अधीन नहीं लिया है. इस अस्पताल में एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ है. साथ ही इस अस्पताल के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं है.

 

अस्पताल अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है

15 साल पहले यह सरकारी अस्पताल बना. अब स्थिति यह है कि चोरों ने अस्पताल की खिड़कियां, चौखट, दरवाजे, ग्रिल, गेट, अलमारियां, बिजली के तार और अन्य उपकरण चुरा लिए हैं। अस्पताल अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. 30 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों के रहने के लिए तीन भवन और परीक्षण केंद्र के लिए एक भवन का निर्माण किया गया था। लेकिन तीनों इमारतें आज खंडहर हो चुकी हैं।

जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई

ग्रामीण सुधीर कुमार ने कहा, ‘यह बाढ़ प्रभावित इलाका है. यहां की आबादी करीब 1 लाख है. जब यह अस्पताल बन रहा था तो इसकी भव्यता देखकर आसपास के लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए 50 किलोमीटर दूर शहर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन इतनी भव्यता से बनने के बाद भी यह अस्पताल चालू नहीं हो सका है। अस्पताल के आसपास काफी जंगल है. ग्रामीण यहां आने से डरते हैं।’

फिलहाल जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है. सिविल सर्जन व अन्य अधिकारी अपने स्तर से जांच कर रहे हैं. जांच के बाद ही अधिक जानकारी सामने आएगी।