शिक्षक दिवस: दृढ़ इच्छाशक्ति और कर्तव्यपरायणता ने शिक्षा के अलौकिकता की जगाई अलख

देहरादून, 05 सितंबर (हि.स.)। कोई भी स्कूल आदर्श तभी बन सकता है जब उस स्कूल के शिक्षक कर्तव्य भाव से अपना दायित्व निभाएं। उत्तराखंड के बागेश्वर के राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला के भौतिक विज्ञान प्रवक्ता आलोक पांडेय की दृढ़ इच्छाशक्ति और कर्तव्यपरायणता ने शिक्षा के अलौकिकता की अलख जगाई है। स्वच्छ सुरम्य पर्यावरण में शिक्षण कार्य के साथ पर्यावरण संरक्षण की तालीम व समर्पण का कोई सानी नहीं है। राष्ट्र, समाज और प्रकृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई है।

शिक्षक आलोक पांडेय सामाजिक सरोकार को मिशन के रूप में लेते हुए छात्रों को शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वर्ष 2007 में सरकारी ​स्कूल के शिक्षक के रूप में करियर शुरू करने वाले आलोक पांडेय ने शुरुआत से ही समाज के प्रति जिम्मेदारियों को तरजीह दी। वे लगातार छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ व्यावहारिक ज्ञान, पर्यावरण संरक्षण और सफाई को लेकर जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटफुलवारी, राजकीय इंटर कॉलेज सलानी में शिक्षण कार्य किया। वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला में तैनात हैं। विज्ञान वर्ग के छात्रों को पढ़ाने के सा​थ उन्होंने विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई। विद्या​​र्थियों के साथ मेहनत की और 2017 में विद्यालय को तरुश्री पुरस्कार दिलाने में अहम योगदान दिया।

​शिक्षण कार्य के लिए उन्हें प्रदेश स्तर पर सराहना मिली और 2017 में ही राज्यपाल पुरस्कार से नवाजे गए। समाज के लिए लगातार समर्पित रहने वाले पांडेय ने वर्ष 2018 में रेडक्रॉस समिति के जिला सचिव का पद संभाला। मात्र दो वर्ष बाद उनके कुशल नेतृत्व में​ जिले की रेडक्रॉस समिति ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर लिया। इसके लिए उन्हें राज्यपाल ने देहरादून में सम्मानित किया।

कोविड काल में उनके नेतृत्व में स​मिति ने करीब 1600 परिवारों तक अपने प्रयासों से राशन पहुंचाया। इसमें समिति के पदा​धिकारी, कार्यकर्ताओं और लोगों ने आर्थिक सहयोग किया। वर्तमान में रेडक्रॉस समिति की प्रदेश की एकमात्र एम्बुलेंस भी उनके प्रयास से जिले में चल रही है। प्रतिवर्ष समिति आपदा काल में प्रभावितों को राहत सामग्री प्रदान करती है। उनकी पहल पर स्वयंसेवियों ने संजीवनी ग्रुप बनाया है। इसमें हर महीने कुछ सक्रिय सदस्य रुपये जमा करते हैं। इस धनराशि से जरूरतमंद मरीजों की मदद की जाती है। वर्तमान में भी जिला सचिव का पद संभाल रहे आलोक पांडेय का मकसद हर दु:खी की सेवा करना और प्रत्येक छात्र को बेहतर ​शिक्षा प्रदान करना है।

वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा कहते हैं कि आलोक पांडेय न केवल विद्वान ​शिक्षक हैं, वे पर्यावरण के सच्चे हितैषी भी हैं। उनके विद्यालय में कई बार जाकर पौधे लगाने का मौका मिला है। पर्यावरण और जल संरक्षण के अलावा स्वच्छता के लिए भी वह सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष व रेडक्रॉस समिति के वाइस चेयरमैन इंद्र सिंह फर्स्वाण बताते हैं कि आलोक पांडेय उत्कृष्ट-समर्पित ​शिक्षक और कुशल नेतृत्वकर्ता हैं। वह जहां रहते हैं, लोगों को कुछ न कुछ सिखाते रहते हैं। उनके साथ रहना और कार्य करना बेहद सुखद रहता है।