कुंभ के ‘शाही स्नान’ का नाम बदलें…अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बोले, ‘यह उर्दू और गुलामी का प्रतीक’

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कुंभ में होने वाले शाही स्नान का नाम बदलने की मांग की है. रवींद्र पुरी का कहना है कि शाही एक उर्दू शब्द है, यह नाम मुगलों ने दिया था और यह गुलामी का प्रतीक है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी का कहना है कि अब सनातन धर्म के अनुसार इसका नाम शाहीस्नान नहीं बल्कि राजसी स्नान रखा जाना चाहिए. अखाड़ा परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा। आपको बता दें कि अखाड़ा परिषद में 13 अखाड़े हैं. 

महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होगा

जनवरी 2025 में यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है। 14 जनवरी को मकरसंक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को वसंत पंचमी पर महाकुंभ में शाही स्नान होगा. शाही स्नान को अमृतस्नान माना जाता है जिसमें अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, महंत और नागा साधु शाही स्नान करते हैं और यह परंपरा सदियों पुरानी है।