कार सीट बेल्ट के फायदे: सीट बेल्ट न केवल यात्री को सुरक्षित रखती है, बल्कि बीमा दावों में भी मदद करती

नई दिल्ली: वाहन निर्माताओं को अब सभी कारों में पिछली सीटों के लिए बैक सीट बेल्ट रिमाइंडर फीचर देना होगा। अभी तक यह रिमाइंडर केवल फ्रंट सीट बेल्ट के लिए दिया गया है। इसके साथ ही जो गाड़ियां बैक सीट बेल्ट रिमाइंडर के साथ आती हैं वो टॉप वेरिएंट हैं। इस संबंध में सरकार ने सड़क सुरक्षा से जुड़े इस नियम को लेकर कंपनियों को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहां हम आपको न सिर्फ आगे की सीट पर बल्कि पिछली सीट पर भी बैठते समय सीट बेल्ट लगाने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

दुर्घटना की स्थिति में यात्री को चोट लगने से बचाता है

वाहनों में सीट बेल्ट अलार्म एक आवश्यक सुविधा है। यह सुरक्षा सुविधा कार में बैठे यात्री को सीट बेल्ट पहनने के लिए बीपिंग ध्वनि के साथ अलार्म बजाती है। यह बीप तब तक जारी रहती है जब तक आप अपनी सीट बेल्ट नहीं बांध लेते। इसकी स्थापना दुर्घटना के दौरान यात्री को चोट से बचाती है।]

सिर और गर्दन की चोटों से बचाता है

सीट बेल्ट पहनने से आपका शरीर चलती गाड़ी में भी स्थिर रहता है। अगर आपकी गाड़ी किसी गड्ढे या स्पीड ब्रेकर पर जाती है तो आपका शरीर हिलता रहता है। जिससे आपके सिर या गर्दन पर गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है। सीट बेल्ट इस जोखिम को कम करने का काम करती है।

टक्कर के दौरान बाहर फेंके जाने का कम जोखिम

कई बार ऐसा देखा जाता है कि कार दुर्घटना के दौरान कार की अगली सीट पर बैठा यात्री सीसा तोड़कर बाहर गिर जाता है। ऐसी दुर्घटना के दौरान सीट बेल्ट पहनने से आप वाहन के अंदर सुरक्षित रहते हैं। इसके साथ ही तेज गति से टकराने की स्थिति में बाहर गिरने का खतरा भी कम हो जाता है।

चालान या पुलिस कार्रवाई से बचें

वर्तमान में, ड्राइवर और फ्रंट सीट यात्री के लिए इन-बिल्ट सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य है। यदि पीछे बैठा यात्री सीट बेल्ट नहीं बांधता है तो केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा अगर आप सीट बेल्ट लगाकर बैठेंगे तो इससे भी बच जाएंगे।

सुरक्षित ड्राइविंग के लिए आवश्यक

सीट बेल्ट पहनना सुरक्षित ड्राइविंग आदतों का हिस्सा है। गाड़ी चलाते समय इसे पहनकर आप न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि अपने साथी यात्रियों और अन्य लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।

बीमा दावों में सहायता

कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि बीमा कंपनियां सिर्फ इसलिए क्लेम देने से इनकार कर देती हैं क्योंकि दुर्घटना के समय ड्राइवर ने सीट बेल्ट नहीं पहना था। दरअसल, बीमा पॉलिसियों में एक सेक्शन है जिसमें कहा गया है कि अगर ड्राइवर बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चला रहा है और दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो बीमा कंपनी ड्राइवर को होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई नहीं करेगी उस वक्त चोट लगने या गाड़ी के डैमेज होने की वजह से वह मना कर देती हैं।