ईपीएफओ योजना के जरिए नौकरीपेशा व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त रकम के साथ आसानी से पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। ईपीएफओ धारक हर महीने अपने मूल वेतन का 12 फीसदी पीएफ खाते में जमा करते हैं। इसमें कर्मचारी के बराबर ही कंपनी भी योगदान देती है।
कई बार कर्मचारी नौकरी बदलते हैं और इस समय वे पीएफ खाते से पूरी रकम निकाल लेते हैं। ईपीएफओ के मुताबिक ऐसा करने से कर्मचारी की पीएफ सदस्यता खत्म हो सकती है। इसी वजह से ईपीएफओ धारकों को सलाह दी जाती है कि वे नौकरी बदलते समय अपना पीएफ खाता ट्रांसफर करा लें।
पुराने पीएफ खाते को नए खाते में ट्रांसफर करने से कर्मचारी को दोहरा लाभ मिलता है। हम आपको बताएंगे कि पीएफ खाते को ट्रांसफर करने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है।
पीएफ अकाउंट ट्रांसफर क्यों है अच्छा विकल्प
पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करने से कर्मचारी की सदस्यता खत्म नहीं होती। दूसरी बात, पीएफ अकाउंट में जमा रकम पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, यानी ब्याज पर ब्याज मिलता है। बड़ा फंड बनाने में चक्रवृद्धि ब्याज काफी मददगार साबित होता है। इसके अलावा अगर आप लगातार 10 साल तक पीएफ अकाउंट में योगदान करते हैं तो कर्मचारी पेंशन का भी हकदार बन जाता है।
पीएफ अकाउंट ट्रांसफर से तैयार होगा बड़ा फंड
पीएफ अकाउंट ट्रांसफर के जरिए आप बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। इसे ऐसे समझें अगर आपकी बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये है तो हर महीने आप और कंपनी मिलकर करीब 3600 रुपये पीएफ अकाउंट में जमा करते हैं। फिलहाल ईपीएफओ 8.5 फीसदी का ब्याज दे रहा है। इसका मतलब है कि 15 साल में करीब 12 लाख 94 रुपये का फंड जमा हो जाएगा।
इसी तरह अगर आप 30 साल तक योगदान करते हैं तो करीब 55 लाख 46 हजार और 40 साल बाद 1 करोड़ 29 लाख रुपए से ज्यादा का फंड तैयार हो जाएगा। आपको बता दें कि यह फंड तभी तैयार होता है जब पीएफ खाते में नियमित योगदान होता रहे।