पलामू, 2 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना में पीआइएल राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ही कराया है। भाजपा पर पीआइएल कराने का आरोप बेबुनियाद है। यह बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कही। मरांडी सोमवार को मेदिनीनगर परिसदन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना में किसी तरह की रोक टोक नहीं होने पर एक साजिश के तहत राज्य के मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय में पीआइएल कराया और आरोप बीजेपी कार्यकर्ता पर लगा रहे हैं। दरअसल, इस योजना को लाने के बाद हेमंत सरकार इसे लंबे समय तक चलाने के मुड में नहीं हैं। रोक टोक को लेकर कोई सुगबुगाहट या हलचल नहीं होने पर एक षडयंत्र रचकर योजना को खुद से रोकने के लिए हाइकोर्ट में पीआइएल दायर किया है।
बाबूलाल ने कहा कि चुकि चुनाव को देखते हुए उपरोक्त योजना को लाया गया है, इसलिए उन्हें इसका पूरा अंदाजा है कि दो माह में इसका आस्तित्व समाप्त हो जायेगा। ऐसे में उनकी पार्टी का कोई कार्यकर्ता पीआइएल क्यों करेगा? चंपाई और लोबिन हेम्ब्रम जैसे बाहरी नेताओं को चुनाव के समय पार्टी में आने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लंबे समय से दोनों नेता झामुमो में घूट घूटकर जी रहे थे। कई मामलों में उन्हें हासिये पर रखा गया था। लगातार उपेक्षा होने के कारण उन्होंने झामुमो को अलविदा कहा। ऐसे में बीजेपी ने उन्हें अपनाया। अलग झारखंड राज्य के लिए चंपाई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम ने शिबु सोरेन के साथ लड़ाई लड़ी थी। अलग राज बनने के बाद पूरा सिस्टम भ्रष्ट लोगों के हाथों में चला गया। पदाधिकारी भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर झारखंड का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में चंपाई और लोबिन को झारखंड को बनाने एवं विकास के लिए भाजपा को चुनना पड़ा।
वायरल ऑडियो सिर्फ गप-मजाक
कुछ दिनों से डालटनगंज के विधायक की कथित बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और इसमें मेदिनीनगर शहरी क्षेत्र में भाजपा को मात्र 14 हजार वोट मिलने की बात करने पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह ऑडियो गप और मजाक का हिस्सा है। लोग इसे सिरियस ना लें। अगर उनका जनाधार इतना कम रहता तो 2019 के चुनाव में पलामू प्रमंडल की नाै में से पांच सीटें नहीं जीतते। इस बार पूरी सीटें जीतेंगे।