मेघालय के शिक्षा मंत्री रक्कम ए संगमा ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड अगले साल से 10वीं कक्षा के लिए दो परीक्षाएं आयोजित करेगा। दो परीक्षाएं क्यों होंगी? इसका जवाब देते हुए संगमा ने कहा कि यह उन छात्रों को दूसरा मौका देने के लिए है जो पहले प्रयास में बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं।
यह नया नियम 2025 से लागू होगा। पहली परीक्षा फरवरी या मार्च की शुरुआत में होगी। दूसरी परीक्षा मई में होगी, जो उन छात्रों के लिए होगी जो पहली परीक्षा में कुछ या सभी विषयों में फेल हो जाते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किया जा रहा है। इससे छात्रों का समय बर्बाद होने से बचेगा।
एमबीओएसई के सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। 2026-2027 शैक्षणिक वर्ष से वैकल्पिक प्रश्नपत्र या ‘बेस्ट ऑफ फाइव प्रश्नपत्र’ की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया गया है। इसका मतलब है कि 2026-2027 से सभी छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा में सभी छह विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।
मेघालय के शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह प्रस्ताव माध्यमिक विद्यालय छोड़ने के प्रमाण पत्र परीक्षा 2011 के लिए एमबीओएसई विनियमन में संशोधन से संबंधित है।
संगमा ने कहा, ‘वर्ष 2025 की शुरुआत से एमबीओएसई हर साल दो एसएसएलसी बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करेगा। पहली परीक्षा फरवरी या मार्च की शुरुआत में होगी और दूसरी परीक्षा उन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति देगी जो एक से दो महीने के भीतर सभी या कुछ विषयों में फेल हो जाते हैं जो मई में आयोजित की जाएगी।’
कैबिनेट ने मेघालय पब्लिक स्कूल सेवा नियम, मेघालय अधीनस्थ जल संसाधन इंजीनियरिंग सेवा नियम, 2024 और किसान सशक्तिकरण आयोग (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी।