हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस पूरी तैयारी कर रही है, लेकिन पार्टी के दिग्गज नेताओं के बीच सीएम उम्मीदवार बनने का दांव कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. विधानसभा चुनाव में दिग्गजों की इस लड़ाई से पार्टी को होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए कांग्रेस ने अभी तक किसी भी नेता को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. पार्टी को चिंता है कि अगर किसी नेता को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है.
माउदी मंडल परेशान है
कुछ दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी. सांसद के इस बयान के बाद पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नाराज है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने संदेश दिया है कि विधानसभा चुनाव में सांसदों को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा. लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस को उम्मीद है कि वह राज्य में सरकार बना सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की चाहत के कारण चुनाव में हार की आशंका के बीच माउदी मंडल ने सख्त रुख अपना लिया है. पार्टी के नेता.
सीएम पद के तीन दावेदार
कुछ दिन पहले हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने साफ कर दिया था कि लोकसभा और राज्यसभा सांसद हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. फिलहाल अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती है तो तीन नेता मुख्य रूप से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और राज्यसभा सांसद रणजीत सिंह सुरजेवाला शामिल हैं.
पिछली सरकार में हुड्डा मुख्यमंत्री थे
हरियाणा में 2005 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार थी और इस सरकार में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में जाट समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं. हरियाणा में जाट समुदाय की आबादी 25 फीसदी है. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का राज्य के कई इलाकों में खासा प्रभाव है. इस लोकसभा चुनाव में भी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपने समर्थकों को चुनाव में जिताकर कांग्रेस आलाकमान को अपना राजनीतिक कद दिखा दिया है। हरियाणा में जाट वोटों के लिए कांग्रेस नेतृत्व भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर निर्भर है.
दलित समुदाय में कुमारी शैलजा का प्रभाव
कुमारी शैलजा चार बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। वह भारत सरकार में मंत्री और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके हैं। कुमारी शैलजा दलित समुदाय से आती हैं और दलित समुदाय को भागीदारी देने के नाम पर मुख्यमंत्री पद पर दावा कर सकती हैं. पार्टी नेतृत्व के बयान के बाद भी उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे पार्टी के फैसले का पालन करेंगे.
सुरजेवाला भी दिग्गज नेता हैं
रणदीप सिंह सुरजेवाला भी हरियाणा के दिग्गज नेता हैं. राजनीति उन्हें विरासत में मिली है. उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला भी हरियाणा के दिग्गज नेता, विधायक और सांसद रहे हैं। सुरजेवाला ने 1996 और 2005 के चुनाव में राज्य की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी रहे ओमप्रकाश चोटाला को हराया था. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। कर्नाटक के प्रभारी रहते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी जीत दिलाई.
कांग्रेस किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है
कांग्रेस को हरियाणा में सरकार बनाने की उम्मीद है. कांग्रेस का दावा है कि हरियाणा में किसान बीजेपी सरकार से नाराज हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों को भी बड़ा मुद्दा बनाया है. कांग्रेस राज्य में अग्निवीर योजना, महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, अगर पार्टी में अंदरूनी असहमति हुई तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है, इसलिए चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर पार्टी में एकजुटता बढ़ाने पर जोर देगी. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए.