कोलकाता डॉक्टर केस: देश में हर दिन हो रही हैं 90 हजार मौतें, सीएम ममता ने उठाए सवाल, पीएम मोदी को लिखा दूसरा पत्र

कोलकाता डॉक्टर केस: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी दूसरी चिट्ठी का केंद्र सरकार ने जवाब दिया. इस बार भी इसका जवाब महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिया है.

उन्होंने कहा कि दुष्कर्म जैसे मामलों में आरोपियों के लिए पहले से ही मौत की सजा का प्रावधान है. भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) में बलात्कार के लिए न्यूनतम 10 साल की कैद का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास या मौत तक बढ़ाया जा सकता है।

ऐसे में केंद्र सरकार का मानना ​​है कि राज्यों को इन कानूनों का ठीक से पालन करना चाहिए, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके. लेकिन बंगाल में लंबित POCSO मामले को लेकर ममता सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है.

कोलकाता रेप-हत्या मामले को लेकर गुरुवार को ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को 8 दिन में दूसरी चिट्ठी लिखी. इसमें ममता ने कहा था- मैंने 22 अगस्त को पत्र लिखकर बलात्कारी को कड़ी सजा देने के लिए कानून बनाने की मांग की थी, लेकिन इतने संवेदनशील मुद्दे पर मुझे आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 30 अगस्त को ममता बनर्जी के दूसरे पत्र का जवाब दिया.
केंद्र सरकार ने ममता के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रेप जैसे मामलों से निपटने के लिए राज्य में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाने की बात कही थी.

अन्नपूर्णा देवी ने दूसरे पत्र में कहा कि यह सच है कि राज्य में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट काम कर रहे हैं, लेकिन ये केंद्र की योजना से बिल्कुल अलग हैं. वे बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों, भूमि अधिग्रहण विवादों और पांच साल से अधिक समय से लंबित मामलों की सुनवाई करते हैं।

दरअसल, 22 अगस्त को पीएम को लिखे पत्र में ममता ने कहा था कि देश में हर दिन 90 रेप हो रहे हैं. फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया जाए. इसके जवाब में 26 अगस्त को महिला विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल की 123 फास्ट-ट्रैक अदालतों में से अधिकांश बंद हैं. फिर ममता ने एक और पत्र लिखा और 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाने की बात कही.