प्रजनन क्षमता बढ़ाने के 5 टिप्स, खत्म होने की कगार पर पुरुष!

बांझपन की समस्या सिर्फ महिलाओं को ही नहीं होती, पुरुषों को भी इन समस्याओं से जूझना पड़ता है। साथ ही एक शोध के मुताबिक पुरुषों में वाई क्रोमोसोम कम हो रहा है। हालांकि यह मामला है, पुरुषों को अभी से अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में जागरूक होने की जरूरत है। पुरुष बांझपन में कई समस्याएं शामिल हैं जैसे कम शुक्राणु संख्या, खराब शुक्राणु गतिशीलता, असामान्य आकारिकी, शुक्राणु की कमी, हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिक समस्याएं, रुकावट आदि।

प्रजनन क्षमता कई कारकों से प्रभावित होती है जैसे गलत जीवनशैली, खान-पान, सोने का तरीका, अधिक तनाव आदि। इसके अलावा कई तरह की बीमारियां भी उन्हें माता-पिता बनने का सपना पूरा करने से रोकती हैं। कुछ सुझाव भी दिए गए जिनका पालन करके पुरुष अपने प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

मोबाइल से दूर रहें

एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि पैंट की जेब में रखे मोबाइल फोन का वाई-फाई सिग्नल भी शुक्राणु की गतिशीलता और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी शरीर की प्राकृतिक रूप से मेलाटोनिन उत्पन्न करने की क्षमता में बाधा डालती है। मेलाटोनिन शुक्राणु को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। जो कम शुक्राणु उत्पादन का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में मोबाइल को पैंट की जेब में रखने से बचें।

साफ-सफाई का ध्यान रखें

बीमारी और संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जैसे नहाने के बाद अपने हाथ धोना, निजी अंगों के आसपास सफाई बनाए रखना और सांस लेने वाले कपड़े से बने अंडरवियर और बॉटम पहनना।

एक संतुलित आहार

जंक और प्रोसेस्ड फूड सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है। मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप के साथ-साथ ये प्रजनन स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं। आहार में अंडे, जामुन, अखरोट और जितना संभव हो उतने फल और सब्जियां शामिल करें। इनमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो न सिर्फ शरीर को फिट रखते हैं बल्कि प्रजनन क्षमता भी बढ़ाते हैं।

हल्का व्यायाम

थोड़ा सा व्यायाम आपको समग्र रूप से फिट रखने में मदद करता है। अगर आप बहुत व्यस्त हैं तो सिर्फ 30 मिनट की तेज सैर कई बीमारियों के खतरे को कम करने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए काफी है। यह भी ध्यान रखें कि अत्यधिक व्यायाम और भारी वर्कआउट भी शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं।

शराब पीने से बचें

भारी धूम्रपान और शराब पीने से शुक्राणु की गुणवत्ता कम हो सकती है और बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। रोजाना शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन कम हो सकता है। दूसरी ओर, धूम्रपान से शुक्राणु की गतिशीलता भी कम हो जाती है।