ये शख्स बदल देगा कश्मीर चुनाव का पूरा परिदृश्य! बड़ी पार्टियों का पसीना

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014: सबकी नजरें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर हैं, लेकिन घाटी के सभी दलों की नजर दिल्ली की एक अदालत पर है. जिसमें बुधवार को लोकसभा चुनाव में बारामूला से जीते राशिद इंजीनियर की जमानत पर सुनवाई है. अगर राशिद को कोर्ट से जमानत मिलती है तो कश्मीर में चुनाव का रुख बदल जाएगा. 

राशिद इंजीनियर 2017 के टेरर फंडिंग मामले में जेल में हैं. लेकिन उनकी पार्टी अवामी इत्तेहाद ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. रशीद का ये ऐलान घाटी की सभी पार्टियों के लिए सिरदर्द बन गया है. राशिद इंजीनियर ने जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.

कौन हैं राशिद इंजीनियर?

राशिद इंजीनियर 2019 से जेल में हैं. उनका असली नाम शेख अब्दुल रशीद है। 2024 के चुनाव में राशिद इंजीनियर ने पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था. उत्तरी कश्मीर की राजनीति में राशिद इंजीनियर एक बड़ा नाम हैं. वह इससे पहले भी विधायक रह चुके हैं. इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक शेख राशिद अवामी पिछले 5 साल से यूएपीए के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 2019 में एनआईए ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था. राशिद ने 2019 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए।

 

राशिद इंजीनियर का जन्म हंदवाड़ा के लाच मावर में हुआ था। श्रीनगर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले राशिद ने 25 साल तक एक सरकारी विभाग में इंजीनियर के रूप में काम किया। 2003 से रशीद ने उर्दू साप्ताहिक समाचार पत्र चट्टान में राजनीतिक मुद्दों पर लिखना शुरू किया। राशिद अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले व्यक्ति हैं।

राशिद की राजनीति में एंट्री

शेख रशीद की राजनीति में एंट्री 2008 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई थी. उन्होंने कुपवाड़ा के लंगेट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2013 में राशिद ने अवामी इत्तेहाद पार्टी बनाई. 2014 के चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की. हालांकि, इस साल लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. विधायक बनने के बाद भी राशिद बिना सुरक्षा के अपनी छोटी कार से आते थे. 2015 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनके साथ हाथापाई हुई थी. 2015 में दिल्ली प्रेस क्लब में उन पर स्याही फेंकी गई थी.

टेरर फंडिंग मामला

शेख रशीद 2019 से जेल में हैं. वह कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आरोपी है। राशिद इंजीनियर का नाम कश्मीरी कारोबारी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था. वटाली को एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।