कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मोंकीपॉक्स से मौतें: मंकीपॉक्स ने पूरी दुनिया में लोगों को डरा दिया है, यह यूरोप और एशिया में फैल रहा है, लेकिन अफ्रीका में यह खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। अफ्रीकी महाद्वीप के देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में यह बीमारी अपना भयानक रूप दिखा रही है।
इस वर्ष कांगो में 548 लोगों की मौत हुई
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की महामारी विज्ञान रिपोर्ट का हवाला देते हुए, स्वास्थ्य मंत्री रोजर काम्बा ने कहा कि 2024 की शुरुआत से देश में 15,664 संभावित मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अब तक 548 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में इक्वेटर, साउथ किवु, साउथ उबांगी, संकुरु, त्सुपा, मोंगाला और त्सोपो शामिल हैं। इक्वेटर प्रांत में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें 321 मौतें हुई हैं।
कांगो में स्थिति चिंताजनक क्यों है?
कांगो के अस्थायी शिविरों में स्थिति काफी चिंताजनक है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, इन शिविरों में लगभग 73 लाख आंतरिक रूप से विस्थापित लोग शरण ले रहे हैं। चूंकि ये शिविर बहुत भीड़भाड़ वाले हैं, इसलिए संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। बीमारी के शुरुआती लक्षणों में बुखार, पीठ दर्द, सिरदर्द, सूजन और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। जब बुखार कम हो जाता है, तो चेहरे पर चकत्ते दिखाई देते हैं और फिर वे धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं। इन चकत्ते के कारण बहुत दर्द होता है और बहुत खुजली होती है।
एम्पॉक्स भारत के और करीब आया
कांगो (DRC) देश 2022 के अंत से ही एम्पॉक्स की बीमारी से जूझ रहा है। इस साल अफ्रीका के 12 देशों में भी इसका प्रकोप देखा गया है। अफ्रीका के बाहर यूरोप में स्वीडन और एशिया में पाकिस्तान में भी एम्पॉक्स के मामले सामने आए हैं। इसका मतलब है कि यह बीमारी भारत के बहुत करीब आ चुकी है, इसलिए हमें भी सतर्क रहने की जरूरत है।
भारत सरकार ने निगरानी बढ़ा दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार 17 अगस्त को लगभग से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में तय किया गया कि बीमारी को लेकर निगरानी बढ़ाने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी खुद लगातार ताजा हालात पर नजर रख रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि हमारे देश में एम्पॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है।