श्रीनगर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ऐसे वक्त श्रीनगर पहुंचे जब जम्मू-कश्मीर में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जब जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं तो कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीआई के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. पीडीपी के साथ संबद्धता अनिश्चित है।
श्रीनगर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और डॉ. राहुल गांधी. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर पहुंचे. यहां उन्होंने करीब 40 मिनट तक चर्चा के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीएम के साथ गठबंधन का ऐलान किया. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उम्मीद जताई कि पीडीपी समेत अन्य स्थानीय पार्टियां भी इस गठबंधन में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी स्थानीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. जिस तरह लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केंद्र में रोकने में भारत गठबंधन सफल रहा है, उसी तरह हम भी चुनाव से पहले गठबंधन बनाकर जम्मू-कश्मीर में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आना चाहते हैं. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक उमर अब्दुल्ला पीडीपी के साथ गठबंधन का विरोध किया. इस मुलाकात के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन हो गया है. सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा.
इस दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए काम करेंगे. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना और लोगों को अधिकार दिलाना कांग्रेस पार्टी और भारत गठबंधन की मुख्य प्राथमिकता होगी. लोकसभा चुनाव में भारत गठबंधन ने पीएम मोदी के आत्मविश्वास को हिला दिया है.
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी नेता राममाधव के भरोसे
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सभी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के प्रभारी के तौर पर राम माधव के नाम का ऐलान कर दिया है. राममाधव पिछले पांच साल से बीजेपी में सक्रिय नहीं थे.
उन्होंने फिर से संघ के लिए काम करना शुरू कर दिया. राममाधव ने पहले भी जम्मू-कश्मीर में काफी काम किया है. राममाधव वहां की सामाजिक राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. चूंकि बीजेपी के पास उन्हें प्रभारी बनाने के लिए राममाधव के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है, इसलिए उन्हें संघ से बीजेपी में फिर से सक्रिय कर दिया गया है. संघ को राममाधव पर काफी भरोसा है, इसलिए चर्चा है कि संघ ने राममाधव का नाम बीजेपी को भेजा था.