यमुनानगर, 21 अगस्त (हि.स.)। आरक्षण के संबंध में प्रस्तावित भारत बंद विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के मद्देनजर अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के सैंकड़ों लोगों ने जिला सचिवालय के सामने अनाज मंडी गेट पर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर जिला पुलिस की ओर से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जिले में भारत बंद का कोई असर नही दिखा।
बुधवार को आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा 1 अगस्त को अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के आरक्षण में उप वर्गीकरण करने व क्रीमी लेयर लगाने संबंधी का जो निर्णय दिया गया उससे अनुसूचित जाति, जनजाति के करोड़ों लोगों के अधिकार खतरे में पड़ गए हैं। इन वर्गों को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 164 (4) में सामाजिक व शैक्षणिक रूप से प्रतिनिधित्व देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन उप वर्गीकरण व क्रीमी लेयर से यह प्रतिनिधित्व पर कुठाराघात करने जैसा है।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341व 342 के तहत किसी भी जाति व उपजाति को अनुसूचित जाति, जनजाति की सूची में जोड़कर आरक्षण के दायरे में लाने लाने या आरक्षण के दायरे से बाहर करने का अधिकार राष्ट्रपति या केंद्र सरकार को है ना कि राज्य सरकार को है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि संवैधानिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग की आरक्षण व्यवस्था को संविधान की नौवीं सूची में डाला जाए। केंद्र सरकार व सभी राज्य सरकारें अनुसूचित जाति, जनजाति के पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से लागू करें। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में उच्चतम न्यायालय में कॉलेजियम सिस्टम बंद हो तथा सभी न्यायालय में सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।