आज बीजेपी में शामिल हो सकते हैं चंपई सोरेन: जेएमएम के अपमान की बताई वजह

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झामुमो में संकट: ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले ही हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया था, हालांकि अब जब चंपई सोरेन मुख्यमंत्री नहीं हैं, तो वह बागी हो गए हैं और उनके कभी भी बीजेपी में शामिल होने की अफवाह है. चंपई सोरेन दिल्ली पहुंचे, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका अपमान किया गया है. मेरे पास तीन विकल्प खुले हैं. वहीं, हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी हमारे विधायकों को खरीदकर राज्य में सरकार गिराने की कोशिश कर रही है. 

चंपई सोरेन ने ट्विटर पर एक लंबा पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि 31 जनवरी की घटनाओं (हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी) के बाद इंडिया अलायंस ने मुझे झारखंड का 12वां मुख्यमंत्री बना दिया, जून के अंत में मुझे बताया गया कि पार्टी नेतृत्व ने मेरे सभी कार्यक्रम निलंबित कर दिये हैं मैंने पूछा तो बताया गया कि 3 जुलाई को विधायकों की बैठक बुलाई गई है. तब तक मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी कार्यक्रम में न जाने की सलाह दी गयी. क्या लोकतंत्र का इससे बड़ा अपमान कोई हो सकता है कि किसी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम कोई और रद्द कर दे? 

चंपई सोरोन ने कहा कि मैंने अनुरोध किया था कि मैं अपना कार्यक्रम पूरा करके बैठक में आऊं लेकिन फिर भी मुझे मना कर दिया गया. अपने राजनीतिक करियर में मैं खुद को अंदर से टूटा हुआ महसूस करता हूं।’ मैंने विधायक की बैठक में कहा कि अब मेरे पास तीन विकल्प हैं, एक तो राजनीति से संन्यास ले लूं, दूसरा अपना संगठन शुरू कर लूं और तीसरा कोई मिल जाए तो उसके साथ सफर पूरा कर लूं।   

ईडी मामले में बरी होने के बाद जुलाई में हेमंत सोरेन दोबारा मुख्यमंत्री बने और चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया. हालांकि, अब चंपई सोरेन ने बगावत कर दी है और हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा पर बिना नाम लिए खुलकर हमला बोल रहे हैं. 

इस स्थिति के बीच चंपई सोरेन दिल्ली पहुंचे हैं, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के गोड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने गुजरात, असम और महाराष्ट्र से अपने लोगों को झारखंड लाकर मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश शुरू कर दी है. . इसके लिए वे विधायकों को खरीदने की भी कोशिश कर रहे हैं.

 झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे इसका फैसला राज्य में विपक्षी बीजेपी करेगी, चुनाव आयोग नहीं. जिससे पता चलता है कि चुनाव आयोग पर भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया है और यह अब कोई संवैधानिक संस्था नहीं है। मेरी बीजेपी को चुनौती है कि अगर आज झारखंड में चुनाव हो जाये तो कल ही राज्य से बीजेपी का सफाया हो जायेगा.