बढ़ती तकनीक के साथ, ईयरबड्स और नेकबैंड जैसे ऑडियो डिवाइस का इस्तेमाल हमारी जिंदगी में आम हो गया है। आज के समय में आधी से ज्यादा आबादी अपने कानों में ईयरबड्स लगाकर अपनी दुनिया का मजा लेती नजर आती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन उपकरणों का अत्यधिक उपयोग आपके कानों को नुकसान पहुंचा सकता है? ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश वर्मा के अनुसार, इन उपकरणों का लगातार उच्च मात्रा में उपयोग करने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है और बहरापन भी हो सकता है।
यह खतरनाक क्यों है?
डॉ. वर्मा बताते हैं कि आजकल के युवा लगातार अपने मोबाइल फोन से जुड़े रहते हैं और ईयरबड्स या नेकबैंड का इस्तेमाल करके गाने सुनते हैं या वीडियो देखते हैं। लेकिन इन उपकरणों का इस्तेमाल तेज़ आवाज़ में और लंबे समय तक करने से कान के पर्दे पर दबाव पड़ता है और धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है। इसके अलावा इन उपकरणों के इस्तेमाल से कान में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
तेज़ आवाज़ कान के परदे के लिए हानिकारक है
अध्ययनों से पता चलता है कि 130 डेसिबल से ज़्यादा की आवाज़ कानों के लिए हानिकारक है। ज़्यादातर ईयरबड्स और नेकबैंड इसी स्तर पर आवाज़ पैदा करते हैं। इसके अलावा, इन डिवाइस में इस्तेमाल होने वाला बास भी कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।
सुरक्षा टिप्स
- ईयरबड्स या नेकबैंड का वॉल्यूम हमेशा कम रखें।
- इन उपकरणों का लगातार कई घंटों तक उपयोग न करें।
- संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हमेशा अपने स्वयं के ईयरबड का उपयोग करें।
- दिन के समय अपने कानों को थोड़ा आराम दें।
- कान को साफ रखने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
- ईयरबड्स की तुलना में हेडफोन कानों पर कम दबाव डालते हैं।