अहमदाबाद, 13 अगस्त (हि.स.)। राज्य सरकार कुछ ऐसी योजनाएँ चला रही है, जिसके जरिये हजारों श्रद्धालु सरकारी सहायता प्राप्त कर अपने पसंदीदा तीर्थस्थानों के दर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार की श्रद्धालुओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न तीर्थ दर्शन योजनाओं का पिछले 7 वर्षों में 1 लाख 42 हजार सेअधिक श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया है। इनमें श्रवण तीर्थ दर्शन योजनांतर्गत सबसे अधिक 1 लाख 38 हजार 748 श्रद्धालुओं ने लाभ हासिल किया है।
गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपीवायवीबी) के सचिव आर. आर. रावल ने कहा कि श्रद्धालुओं को उनके श्रद्धा स्थानों पर पहुँचा कर उन्हें उनके इष्ट देव के दर्शन करने में सहायता करने वाली विभिन्न योजनाओं का संचालन बोर्ड करता है और इन योजनाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय श्रवण तीर्थ दर्शन योजना है। इस योजना में राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा कराने के लिए श्रवण की भूमिका निभा रही है।
जीपीवायवीबी द्वारा श्रवण तीर्थ दर्शन योजना के अलावा अन्य योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं, जिनमें कैलास मानसरोवर योजना व सिंधु दर्शन योजना महत्वपूर्ण है। श्रवण तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत 2850 बसों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा कराई गई। राज्य में रहने वाले सीनियर सिटीजन यानी वरिष्ठ नागरिकों को राहत दर पर तीर्थयात्रा कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 से लागू श्रवण तीर्थ दर्शन योजना काफी लोकप्रिय है। योजना केतहत राज्य सरकार ने अब तक 1 लाख 38 हजार 748 श्रद्धालुओं को 2850 बसों द्वारा तीर्थ दर्शन कराया है और इसके लिए 10 करोड़ 25 लाख 75 हजार रुपए की सहायता का भुगतान किया है।
उल्लेखनीय है कि 1 मई, 2017 गुजरात स्थापना दिवस से लागू श्रवण तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को उनके पसंदीदा तीर्थस्थलों की समूह यात्रा कराई जाती है। योजना के तहत वरिष्ठ यात्रियों को राज्य परिवहन (एसटी) निगम की सुपर नॉन-एसी बस, मिनी नॉन-एसी बस, स्लीपर कोच यानिजी बस यात्रा खरच की 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से दी जाती है। इसके अलावा हर यात्री को सहायता के रूप में एक दिन के भोजन के 50 रुपए व रहने के 50 सहित कुल 100 और अधिकतम् 300 रुपए दिए जाते हैं।
सरकार ने कैलास मानसरोवर योजना की सहायता राशि बढ़ाई
गुजरात के 2564 श्रद्धालुओं ने कैलास मानसरोवर योजना का लाभ उठाया है और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 581.49 लाख रुपए की सहायता का भुगतान किया गया है। इस यात्रा पर जाने वाले गुजराती यात्रियों को उनके लौटने के बाद राज्य सरकार 23,000 रुपए की सहायता का भुगतान करती थी, परंतु भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष इस प्रोत्साहक राशि को बढ़ा कर 50,000 रुपए कर दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2017 से लागू सिंधु दर्शन योजनांतर्गत 1654 लाभार्थियों ने यह तीर्थयात्रा की है, जिन्हें राज्य सरकार ने 2 करोड़ 63 लाख 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की है। भारत के भाल समान लेह-लद्दाख में आयोजित होने वाले सिंधु दर्शन उत्सव में शामिल होने के इच्छुक गुजरात निवासी सिंधी समुदाय के लोगों के लिए यह योजना लागू की गई है। हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन आयोजित होने वाले इस उत्सव में सिंधी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल होकर सिंधु स्नान कर पवित्रता की अनुभूति करते हैं। राज्य सरकार की इस योजना के तहत 300 यात्रियों को सहायता मिलती है। प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। यात्रियों की संख्या 300 से अधिक होने पर ड्रॉ सिस्टम से 300 लाभार्थियों का चयन किया जाता है।