मुख्यमंत्री ने करौली, दौसा, भरतपुर जिलों में अतिवृष्टि और जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

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जयपुर, 13 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को करौली, दौसा और भरतपुर जिलों में जलभराव व अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राजकीय पीजी महाविद्यालय करौली में संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर जलभराव वाले क्षेत्रों में आपदा राहत कार्य मुस्तैदी से करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने दौसा जिले में लवाण, राहुवास, निर्झरना, लालसोट, करौली जिले में करौली, सपोटरा, हिण्डौन सिटी और भरतपुर जिले में महरावर, समोगर, धुरैरी, महुआली, नहरौली, थाना डांग, चहल, सिंघाडा, सीदपुर, पुराबाई खेडा और नदी गांव का हवाई सर्वे कर अतिवृष्टि से हुए जल भराव और नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल, खाद्य सामग्री, दूध, चिकित्सा सुविधा सहित जरूरी चीजों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अब तक किये गये आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए करौली एवं हिण्डौन शहर में जल भराव की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिये भी अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के भी निर्देश दिए।

इस दौरान विधायक ऋतु बनावत, बहादुर सिंह कोली, डॉ. शैलेष सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रभारी सचिव शुचि त्यागी, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव व जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री शर्मा ने 11 अगस्त को बयाना उपखंड के पिदावली ग्राम के पास बाण गंगा नदी के गड्ढे में डूबे सात युवकों के घर श्रीनगर गांव पहुंच कर घटना पर दुख व्यक्त किया एवं परिवारजनों को ढ़ांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में परिजनों के साथ है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मृतक के परिजनों को एसडीआरएफ मद से चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टर को निर्देश दिए कि मृतक आश्रितों को पात्रता के अनुसार सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जाये तथा उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जाए।