देहरादून, 13 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड कांग्रेस महामंत्री याकूब सिद्दीकी ने राज्य वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही आरोप लगाते हुए बोर्ड के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की है।
याकूब सिद्दीकी ने यहां जारी एक बयान में सवाल उठाया कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की उन्नति के लिए क्या काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को खुर्द—बुर्द करने के जो प्रस्ताव पारित हुए हैं उसे भी जनता को बताना चाहिए तथा उस पर उन्हें श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
कांग्रेस महामंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष यह भी भूल गए हैं कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है और उसे अधिकार भारत के संविधान द्वारा दिए गए हैं। वक्फ बोर्ड में एक लोकसभा सांसद तथा दो विधानसभा सदस्य बतौर सदस्य होते हैं और बोर्ड में अपनी शक्तियां निहित हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्था के अध्यक्ष जैसे पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह का बयान संवैधानिक संकट खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा बोर्ड अध्यक्ष भ्रष्टाचार की बात कबूलते हैं तो राज्यपाल को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के बयान का स्वतः संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप करना चाहिए और बोर्ड को भंग करते हुए स्वयं सीबीआई जांच की शिफारिश करनी चाहिए।
याकूब सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा सरकारों में संवैधानिक संस्थाओं का उपहास उड़ाया जा रहा है तथा इन संस्थाओं के बारे में उलूल-जुलूल बयानबाजी कर उनकी गरिमा गिराने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार की बात की जा रही है परंतु अपने कार्यकाल में उन्होंने इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं उन्हें जनता को बताना चाहिए और यदि वे भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं तो अपनी इस संविधान विरोधी बयानबाजी के लिए माफी मांगते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।