हाई कोलेस्ट्रॉल चेतावनी संकेत: आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में कई तरह की बीमारियां लोगों को बहुत जल्दी घेर लेती हैं। इनमें मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और यूरिक एसिड लोगों में अधिक पाया जाता है। आजकल ज्यादातर लोगों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना आम बात है।
जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे शारीरिक गतिविधि भी बढ़ती है। तैलीय खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता रहता है। शरीर में वसा जमा होने के कुछ ही दिनों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल का दौरा, कोरोनरी धमनी रोग, ट्रिपल वेसल रोग आदि जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं।
कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ है। कोलेस्ट्रॉल 2 प्रकार के होते हैं, अच्छा कोलेस्ट्रॉल और बुरा कोलेस्ट्रॉल। अच्छा कोलेस्ट्रॉल शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ख़राब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना बहुत ज़रूरी है।
रक्त में कितना कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए?
– अनुशंसित मानकों के अनुसार, स्वस्थ शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से कम होना चाहिए।
– अगर यह स्तर 240 mg/dL से अधिक हो जाए तो समझ लें कि खतरा बढ़ गया है।
– उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए आपकी जीवनशैली और आहार में बदलाव की आवश्यकता होती है।
यदि रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक है, तो परिधीय धमनी रोग होने की संभावना है। यह धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। इस बीमारी के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त संचार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
परिधीय धमनी रोग के कारण शरीर के इन हिस्सों में तेज दर्द होता है
-परिधीय धमनी रोग (पीएडी) शरीर में रक्त के प्रवाह को बाधित करता है।
– इससे शरीर में कुछ बदलाव जरूर आएंगे।
– इस बीमारी से पीड़ित लोगों को जांघों, कूल्हों और पैरों में तेज दर्द होता है।
– शरीर के इन हिस्सों में दर्द को नजरअंदाज न करें और तुरंत कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराएं।